भागलपुर: राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से ‘ए’ ग्रेड प्राप्त होने के बाद टीएनबी कॉलेज की हर गलियां उत्साह से लबरेज हो गयी है.
कॉलेज प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि सबसे पहले इसे ऑटोनॉमस (स्वायत्त) संस्था बनाने के लिए प्रयास किया जायेगा ताकि इसके बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा के लिए अनुरोध किया जा सके. गत एक सितंबर को टीएनबी कॉलेज को ग्रेड प्रदान करने को लेकर नैक की पीयर टीम मूल्यांकन करने के लिए आयी थी. इस दिन टीम के मेंबर को-ऑर्डिनेटर डॉ मुकुल चंद्र पांडेय ने कहा था कि टीएनबी कॉलेज जितना प्रतिष्ठित संस्थान है और इसके पास जितनी जगह बरबाद हो रही है कि इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी बना सकते हैं. डॉ पांडेय के सुझाव के बाद से ही कॉलेज प्रशासन की आंखों में चमक देखी जाने लगी थी. अब कॉलेज को ‘ए’ ग्रेड मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने निर्णय लिया है कि डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा के लिए जिन प्रक्रियाओं को पूरा किया जाना है, उसे शुरू कर दिया जायेगा.
शनिवार को प्राचार्य डॉ दुर्गेश नंदन झा, शिक्षक डॉ मनोज कुमार सहित कुछ शिक्षक व कर्मचारी प्राचार्य कक्ष में जुटे और ‘ए’ ग्रेड मिलने को लेकर एक-दूसरे को शुभकामना दी व संकल्प लिया कि कॉलेज को और ऊंचाई पर ले जाया जायेगा.प्राचार्य डॉ झा ने बताया कि पहले इसे ऑटोनॉमस बनाने के लिए प्रयास करेंगे. इसके लिए यूजीसी के सामने प्रस्ताव रखना है. यूजीसी को यह बताना होगा कि यह ऑटोनॉमस बनने की अर्हता पूरा करता है. इसके पास इतनी सुविधाएं हैं कि इसे ऑटोनॉमस बनाया जा सकता है. ऑटोनॉमस बनने के बाद सारे विषयों की पढ़ाई इसी कैंपस में होगी. इंटरमीडिएट की पढ़ाई इससे अलग हो जायेगी. जो भी कार्य होंगे वह अपने होंगे. कॉलेज अपने छात्र-छात्रओं की खुद से परीक्षा लेगा, खुद कॉपियां जांचेगा और रिजल्ट भी देगा. इसके बाद डीम्ड यूनिवर्सिटी के लिए प्रयास किया जायेगा.
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद सरकार से भी अतिरिक्त मदद मिलने लगेगी. इसके बाद क्या पढ़ाई होगी वह संस्थान को ही सोचना होगा. डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद संस्थान को पर्याप्त संख्या में पूर्णकालिक शिक्षक प्राप्त हो जायेंगे. देश की जरूरत के हिसाब से विभिन्न नये विषयों की पढ़ाई शुरू हो जायेगी.