शुभंकर, सुलतानगंज : सुलतानगंज नगर परिषद क्षेत्र के नाला का गंदा पानी नये साल से गंगा में नहीं गिरेगा. गंगा को निर्मल व शुद्ध बनाने के लिए नमामि गंगे योजना के तहत काम तेजी से किया जा रहा है. नप क्षेत्र के सभी नाला के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध कर खेती के लिए उपयोग में लाया जायेगा.
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सुलतानगंज में नये साल से गंगा में नहीं गिरेगा नाला का गंदा पानी
शुभंकर, सुलतानगंज : सुलतानगंज नगर परिषद क्षेत्र के नाला का गंदा पानी नये साल से गंगा में नहीं गिरेगा. गंगा को निर्मल व शुद्ध बनाने के लिए नमामि गंगे योजना के तहत काम तेजी से किया जा रहा है. नप क्षेत्र के सभी नाला के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध कर खेती के […]
नये साल में नाला का गंदा पानी गंगा में नहीं प्रवाहित करने पर तेजी से काम हो रहा है. प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर ओंकार झा ने बताया कि 69 करोड़ की लागत से सुलतानगंज में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है.
हर रोज 10 लाख लीटर गंदा पानी की होगी सफाई, कृषि कार्य में होगा उपयोग : प्रोजेक्ट मैनजरने बताया कि प्रतिदिन 10 लाख लीटर गंदा पानी की सफाई एसटीपी में किया जायेगा. प्लांट तक शहर के नालों का पानी लाने के लिए चार स्थानों पर आइपीएस इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाया जा रहा है.
जहां से गंदा पानी को प्लांट में लाकर ट्रीटमेंट कर कृषि के काम में उपयोग किया जायेगा. आइपीएस का निर्माण अजगैवीनाथ मंदिर, गोपाल रोड, रेलवे स्टेशन के उस पर व कृष्णगढ़ चौक समीप किया जायेगा. छह मई 2020 तक कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हर हाल में नये साल में गंगा में शहर के नालों का गंदा पानी नहीं गिरे, इसको लेकर प्रयास तेजी से हो रहा है.
निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. सुलतानगंज में 2 करोड़ 59 लाख की लागत से तीन मंजिला नगर सरकार भवन भी नये साल में बन कर तैयार होने की बात बतायी गयी. नये साल में सुलतानगंज को कई योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है. लोगों को भी कई आशा व आकांक्षा नये साल में बनी हुई है.
नये साल से गोपालपुर के लोगों को मिलेगा शुद्ध पेयजल
गोपालपुर. गंगा व कोसी नदी के बीच स्थित गोपालपुर प्रखंड के लोगों को नये साल में शुद्ध पेयजल मिलने की संभावना है. सीएम नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल योजना के तहत पूर्व में विभिन्न पंचायतों में वार्ड विकास क्रियान्वयन समिति के माध्यम से 12 लाख रुपये के मॉडल प्राक्कलन से जल-नल का कार्य प्रारंभ करवाया गया था.
विभिन्न कारणों से इस जल-नल योजना का लाभ अब तक ग्रामीणों को नहीं मिल सका. जमीन के अभाव में 12 वार्डों में जल -नल योजना का कार्य शुरू नहीं हो सका.
प्रखंड मुख्यालय सैदपुर में लगभग तीन करोड़ की राशि से एक दशक पूर्व बना जलमीनार सफेद हाथी साबित हो रहा है. नवगछिया लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि सैदपुर सहित अन्य जगहों पर जल्द ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी.
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