कहलगांव : वार्ड नंबर 11 के कागजी टोला निवासी मछुआरे रामू सहनी के इकलौते बेटे विपिन कुमार सहनी (29) की शनिवार की रात डेंगू से मौत हो गयी. विपिन पांच दिनों से डेंगू से पीड़ित था. उसका इलाज स्थानीय डॉक्टर से कराया जा रहा था. शनिवार की देर शाम उसकी हालत बिगड़ गयी. डॉक्टर की सलाह पर उसे एंबुलेंस से मायागंज अस्पताल भागलपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.
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एंबुलेंस चालक रास्ते में पीने बैठ गया गांजा, फिर मांगने लगा भाड़ा, डेंगू पीड़ित की हो गयी मौत
कहलगांव : वार्ड नंबर 11 के कागजी टोला निवासी मछुआरे रामू सहनी के इकलौते बेटे विपिन कुमार सहनी (29) की शनिवार की रात डेंगू से मौत हो गयी. विपिन पांच दिनों से डेंगू से पीड़ित था. उसका इलाज स्थानीय डॉक्टर से कराया जा रहा था. शनिवार की देर शाम उसकी हालत बिगड़ गयी. डॉक्टर की […]
परिजनों ने कहा एंबुलेंस चालक के कारण अस्पताल ले जाने में हुई देर मोहल्ले के लोगों ने बताया कि एंबुलेंस के चालक के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण युवक की मौत हुई है. लोगों का कहना था कि एंबुलेंस का ड्राइवर रास्ते में रुक कर गांजा पीने लगा.
गांजा पीने के बाद वह मरीज के परिजन से भाड़ा मांगने लगा. करीब घंटे भर तक उसने एंबुलेंस सड़क पर खड़ी कर दी और भाड़ा देने के बाद ही आगे बढ़ने की बात पर अड़ गया. जबकि उसे कहलगांव में ही भाड़ा दिया जा रहा था तो उस वक्त उसने भागलपुर पहुंचकर लेने की बात कही थी. ड्राइवर के कारण भागलपुर पहुंचने में देर हो गयी, जिससे विपिन की रास्ते में मौत हो गयी.
भागलपुर में डॉक्टर ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी, जिसके बाद शव को देर रात कहलगांव देलाया गया. विपिन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. उसे तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं. उसकी मां दोनों आंखों से लाचार है. उसकी भी सेवा विपिन ही करता था. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
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