लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ने से नदियां उफनाने लगी है. घोघा-कहलगांव रोड क्रॉसिंग पर घोघा नदी (सुंदर नदी) का जलस्तर डेंजर लेबल से ऊपर हो गया है. बाढ़ के कारण भागलपुर शहर से लेकर नाथनगर, सबौर, नवगछिया, कहलगांव, सुलतानगंज में स्थिति बदतर होती जा रही है.
एनएच 80 पर संकट
भागलपुर गंगा का जलस्तर शनिवार शाम सात बजे के करीब से बढ़ने की रफ्तार दोगुनी हो गयी है. पहले जहां आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से यह बढ़ रही थी वहीं, इसकी रफ्तार अब एक सेमी प्रति घंटे हो गयी है. गंगा के जलस्तर में फिर से वृद्धि जारी होने से परेशानियां बढ़ती नजर आने लगी हैं. खास तौर पर वहां, जहां पहले से गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल से ऊपर है. ऐसे जगहों में सुलतानगंज, कहलगांव व खरीक क्षेत्र है. सुलतानगंज में गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल से 86 सेमी, खरीक में एक मीटर एवं कहलगांव में 55 सेमी ऊपर पहुंच कहर बरपाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शहरी क्षेत्र में रविवार शाम चार बजे तक 29 सेंटीमीटर की वृद्धि की संभावना है. रविवार सुबह तक सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है.
निर्माणाधीन पुल के पास सड़क हुआ खोखला, बचाव कार्य जारी
सबौर/भागलपुर : एनएच 80 पर कटाव होने से जिला प्रशासन के आदेश से सभी तरह के वाहनों पर के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है. विधि व्यवस्था को लेकर थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी सीओ विक्रम भास्कर झा सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहे. कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने बताया कि गंगा का पानी का अधिकतम लेबल सोमवार तक होगा. पथ पर पानी का बहाव होगा, तो बचाव कार्य मुश्किल होगा. डीएम प्रणव कुमार ने कहा कि कहलगांव, घोघा, सबौर, जीरोमाइल होते हुए भागलपुर की ओर आने व जानेवाले मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन रोक दी गयी है. इस दौरान सड़क की मरम्मत की जायेगी. नवगछिया के इस्माइलपुर में पांच पंचायत में बाढ़ आ गयी है. वहां नाव चलाने का निर्देश हुआ है. अंचल को स्थिति के अनुरूप काम करने के लिए कहे हैं.
नाथनगर: बैरिया-रसीदपुर रोड पर पांच फीट चढ़ा पानी, करंट से कई जगह सड़क ध्वस्त
दियारा इलाकों में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है. पानी ने कई इलाके की सड़क को काट खाई बना दिया है. बैरिया रसीदपुर सड़क पर करीब पांच फीट पानी चल रहा है. शंकरपुर की स्थिति जस की तस है. दियारा क्षेत्र का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट चुका है. सुरक्षित स्थानों पर जानेवाले लोगों के लिए प्रशासन ने समुचित नाव की व्यवस्था नहीं की है. लोग अपने साधन से गांव से पलायन कर रहे हैं. लोग प्रशासन के रवैये से आक्रोशित हैं. रत्तीपुर के मनोज मंडल, बबलू मंडल आदि ने बताया कि सड़क संपर्क टूट गया है और नाव सीओ ने नहीं दिया है. हमलोग बीच गांव में फंसे हैं. यहां से निकलने का साधन नहीं है. बिजली 12 बजे दिन में काट दिया गया है, जिससे दियारा अंधकार मय हो गया है. महाशय ड्योढ़ी, टिल्हाकोठी आदि शिविरों में पीड़ित पहुंच चुके हैं. पीड़ितों के लिए यहां कोई प्रशासनिक सुविधा नहीं मिली है. आशियाना से लेकर पशुओं के खाने तक का बोझ खुद पीड़ित उठा रहे हैं. लोगों ने कहा कि अगर अधिकारियों का यही रवैया रहा, तो सड़क जाम कर आंदोलन करेंगे. सीओ राजेश कुमार ने बताया कि नाव हर जगह चलायी जा रही है. पशुचारा और अन्य जरूरी सामग्री के लिए जिला को लिखा गया है.
खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को बाढ़ पीड़ित मजबूर
सबौर: बाढ़ का पानी रजंदीपुर,फरका, ममलखा पंचायत के कई गांवों में घुसने से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. एक दर्जन से अधिक गांवों सहित आधा दर्जन स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र के अलावा गांव को जोड़ने वाला संपर्क पथ पर पानी का बहाव हो रहा है. शनिवार को पंचायत सरकार भवन के प्रांगण में रह रहे संत नगर रजंदीपुर बगडेर बगीचा के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग बच्चों व मवेशियों के साथ यहां खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं. प्रशासन के स्तर से हम लोगों के लिए कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. ग्रामीण चंदन मंडल, शंकर मंडल, मंती देवी, महेश मंडल आदि ने बताया कि अंधेरा होने से सांप-कीड़ा का डर हमेशा बना रहता है.
टीएमबीयू
इधर, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू, शिक्षकों के सरकारी आवास व पीजी महिला छात्रावास में बाढ़ का पानी घुस गया है. जलस्तर के लगातार बढ़ने से लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी में पानी घुस रहा है. शिक्षकों व छात्रावास में रह रही छात्राओं की परेशानी बढ़ गयी.
इस्माइलपुर के बाढ़ पीड़ितों का ठिकाना बना तटबंध
गोपालपुर: इस्माइलपुर के बाढ़ पीडित परिवार माल -मवेशियों के साथ जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाये तटबंधों पर प्लास्टिक व कपडे का घर बना कर रहने को विवश हैं. सीओ सुरेश प्रसाद ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार प्लास्टिक का आवंटन नहीं मिला है. फिर भी लक्ष्मीपुर, कमलाकुंड, इस्माइलपुर पश्चिमी भिट्ठा व इस्माइलपुर पूर्वी भिट्ठा पंचायतों के मुखिया को अपने कोष से प्लास्टिक शीट के वितरण की अपील की गयी है. मध्य विद्यालय इस्माइलपुर के परिसर में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के परिसर में पानी प्रवेश कर जाने के कारण छात्रावास को बंद कर सभी छात्राओं के अभिभावकों को बुलाकर घर भेजने का निर्देश संचालक को दिया गया है. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम को गंगा नदी का जलस्तर इस्माइलपुर -बिंद टोली में 32.50 मीटर है, जो खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर अधिक है. गंगा नदी के जलस्तर बढने के कारण गोपालपुर प्रखंड के तिनटंगा करारी, सुकटिया बाजार व डुमरिया चपरघट पंचायत के दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. सुकटिया बाजार से तिनटंगा जाने वाली सड़क पर पानी बह रहा है. लोकमानपुर के कई घरों में घुसा पानी: खरीक. लोकमानपुर पंचायत के कई घरों में कोसी की बाढ़ का पानी घुस गया है. सीओ ने कहा बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद की जायेगी. सात दिनों तक पानी जमा रहने पर बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन वितरित किया जायेगा. बैकठपुर दुधैला व शहजादपुर में पलायन जारी: नारायणपुर. प्रखंड की बैकठपुर दुधैला व शहजादपुर पंचायत के दर्जनों गांवों में गंगा का पानी घुस गया है. लोग गांवों से पलायन कर रहे हैं. मुखिया रूपेश मंडल, मुखिया अरविंद मंडल, समाजसेवी संजय भारती, अरुण मंडल ने बताया कि पीने का पानी नहीं है. सीओ रामजपी पासवान ने बताया कि दुधैला में प्लास्टिक शीट भेजी जा रही है. रंगरा प्रखंड की चार पंचायतें बाढ़ की चपेट में: नवगछिया. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण रंगरा प्रखंड की 10 में चार पंचायतों के लगभग एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. लगभग 25 हजार आबादी प्रभावित हुई है. मदरौनी स्थित जल संसाधन विभाग के कैंप कार्यालय के अनुसार यहां कोसी नदी खतरे के निशान 31.48 सेंमी के नजदीक 31.40 पर पहुंच गयी है. 24 घंटे में यह खतरे के निशान को पार कर जायेगी.
गंगा का जलस्तर 31.70 के मीटर पार
कहलगांव : घोघा के आमापुर में लगभग दस झोंपड़ी के घर पानी में डूब गये है. इदमातपुर, फुलकिया, दिलदारपुर, पक्कीसराय ढाल किनारे रहने वाले लोग रेलवे लाइन के किनारे शरण ले रहे हैं. राजघाट की सभी सीढ़ी डूब गयी हैं. कागजी टोला के मछुआरे रतजगा कर रहे हैं. मोहल्ले के बुजुर्ग प्रसादी सहनी कहते हैं कि गंगा किनारे जिन मछुआरों के घर हैं, वे रात में दूसरों के घरों या सार्वजनिक जगह पर सोते हैं.
मिर्च की फसल हो रही बर्बाद
पीरपैंती : रानी दियारा से लेकर बाबूपुर तक बाढ़ का पानी फैल गया है. टपुआ व रानी दियारा के ग्रामीण जो अबतक कटाव से अपने घर को बचाने की सोच रहे थे, अब वे अपनी मिर्च की फसल बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. कन्हाई सिंह, सुबोध मंडल, सुनील सौरभ, जयप्रकाश यादव ने बताया कि हमलोग गांव के चारों ओर छोटे-छोटे बांध बनाकर मिर्च की फसल को अबतक बचाने में सफल रहे हैं, पता नहीं आगे क्या होगा. यदि बनाये गये बांध टूट गये तो वर्ष 2016 की तरह 5-7 मिनट में ही पूरा गांव पानी से भर जायेगा.
एक नजर में
गंगा का कटाव को देख वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह रोक
नवगछिया में स्थिति भयावह, कई इलाके बाढ़ के पानी से घिरे
पानी का बहाव हुआ तो बचाव कार्य हो जायेगा मुश्किल
बाढ़ को लेकर एनएच-80 पर आवाजाही बंद