भागलपुर : गांव में झोलाछाप डॉक्टरों पर विश्वास करने का खामियाजा मरीज के साथ परिजनों को झेलना ही पड़ता है. बांका जिले के शंभुगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में सुनील कुमार यादव की पत्नी नीतू कुमारी (28) के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. परिजनों ने दो महीने के गर्भ गिराने की जिम्मेदारी गांव के झोलाछाप डॉक्टर को दे दी. डॉक्टर ने अपनी तरकीब लगायी और गर्भपात कराने लगा.
इस दौरान डॉक्टर ने मरीज की आंत ही बाहर खींच लिया और गर्भाशय को क्षति पहुंचा दी. इससे लगातार ब्लीडिंग होने लगी और मरीज की हालत बिगड़ने लगी. मरीज की स्थिति गंभीर होती देख बड़े अस्पताल में ले जाने का सुझाव दे डॉक्टर वहां से निकल गया. परिजनों ने आनन-फानन में नीतू को लेकर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, भागलपुर पहुंचे. यहां डॉ सानन प्रेम ने ऑपरेशन किया. ब्लीडिंग बहुत हो चुका था, लिहाजा ब्लड की जरूरत पड़ी, तो अस्पताल प्रशासन ने नि:शुल्क ब्लड मुहैया कराया. फिलहाल वह सर्जरी वार्ड में भर्ती है. डॉ प्रेम ने बताया कि गांव के डॉक्टर के चक्कर में नीतू कुमारी की जान चली जाती.
बेहद जटिल स्थिति हो गयी थी. ऑपरेशन रविवार की रात किया गया था. अब वह खतरे से बाहर है. नीतू के तारापुर निवासी पिता सिकंदर विश्वास ने बताया कि गांव के डॉक्टर से सहारा लिया था, लेने के देने पड़ गये.