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साल-दो-साल भी नहीं टिकतीं नगर निगम की सड़कें

भागलपुर : नगर निगम से लाखों की लागत से सड़क बनती है और कुछ महीने बाद ही उसकी परतें उखड़ने लगती हैं. वहीं, देखते ही देखते यह गड्ढों में तब्दील हो जाती है. जबकि एनएच, स्टेट हाइवे व मेजर डिस्ट्रिक रोड(एमडीआर) की तरह निगम की सड़कों पर भारी ट्रैफिक लोड भी नहीं रहता है. बावजूद, […]

भागलपुर : नगर निगम से लाखों की लागत से सड़क बनती है और कुछ महीने बाद ही उसकी परतें उखड़ने लगती हैं. वहीं, देखते ही देखते यह गड्ढों में तब्दील हो जाती है. जबकि एनएच, स्टेट हाइवे व मेजर डिस्ट्रिक रोड(एमडीआर) की तरह निगम की सड़कों पर भारी ट्रैफिक लोड भी नहीं रहता है. बावजूद, इसके सड़कें ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती है. सड़कों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

केवल दो जेइ : नगर निगम के पास सैकड़ों की संख्या में रोड है. मगर, इसके निर्माण से लेकर मरम्मत कराने के लिए केवल दो जूनियर इंजीनियर है. एक इंजीनियर भवन निर्माण से है, ताे दूसरा बुडको से.
जबकि, न तो असिस्टेंट इंजीनियर है और न कार्यपालक अभियंता. नगर निगम खुद मान रहा है कि उनके पास इंजीनियरों की कमी है. मगर, सड़कों के निर्माण पर खर्च पीडब्ल्यूडी की तरह होता है.
पीडब्ल्यूडी लोबोरेटरी ने निगम की सड़कों की निर्माण सामग्रियों की जांच करने से किया इंकार : सड़कों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए मेटेरियल की जांच का प्रोविजन है. यह जांच किसी मान्यता प्राप्त लोबोरेटरी में कराना अनिवार्य है.
नगर निगम ने सड़क निर्माण की सामग्रियों की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी के लेबोरेटरी को चिट्ठी लिखी. मगर उनकी ओर से साफ तौर पर यह कह कर इंकार कर दिया गया कि उनके पास खुद सड़कों का ज्यादा काम है. नगर निगम अब इंजीनियरिंग कॉलेज की लेबोरेटरी में सड़क निर्माण की सामग्रियों की जांच करा रहा है.
90 लाख से बनी सड़क टूटने लगी : घंटाघर से आदमपुर चौक के बीच नाला सहित राधा रानी सिन्हा रोड करीब 90 लाख की लागत से दो-ढाई साल पहले बनी है. सड़क बनने के कुछ माह बाद से इसकी ऊपरी परत ऊखड़ने लगी. वहीं, गिट्टी नजर आने लगी है. कुछ जगहों पर गड्ढे बन गये हैं.
कारण
दुर्गाचरण स्कूल की गली का रोड बनने के साथ सेना के जवानों के ठहरने और वाहनों की आवाजाही से टूट गयी थी. मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत कांट्रैक्टर से सड़क की मरम्मत करायी गयी है. राधा रानी सिन्हा रोड का भी मरम्मत होगा. इंजीनियर की कमी है. सड़क निर्माण की सामग्रियों की जांच पीडब्ल्यूडी के लेबोरेटरी द्वारा इंकार करने से इंजीनियरिंग कॉलेज में करायी जा रही है.
आदित्य जायसवाल, योजना शाखा प्रभारी, नगर निगम
गड्ढों को भरा डीएलपी समाप्त : लाजपत पार्क से सटे दुर्गाचरण स्कूल की रोड ढेवर गेट रोड के साथ ढाई-तीन साल पहले बनी है. सड़क निर्माण पर करीब 60-62 लाख रुपये खर्च हुए. यह सड़क भी बनने के कुछ माह बाद ही टूटने लगी.
पीसीसी सड़क रहने के बावजूद गड्ढों की भरमार हो गयी और नगर निगम को शिकायतें मिलनी लगी, तो मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत ठेकेदार से हाल के कुछ दिन पहले मरम्मत करायी गयी है. इसका अब डिफेक्ट लैबलिटी पीरियड भी समाप्त हो गयी है. सड़क अब आगे कितने दिनों तक चलेगी, यह आने वाला वक्त ही बतायेगा.
विक्रमशिला सेतु पर अब तक नहीं भरे गये गड्ढे
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की सड़क के गड्ढे नहीं भरे जा सके हैं. पुल निर्माण निगम को जानकारी रहते हुए भी गड्ढों को भरने की पहल नहीं की गयी. गड्ढों का आकार बढ़ता ही जा रहा है. छड़ भी बाहर निकल गया है. इससे हर पल बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
कुछ दिन पहले इंजीनियर ने बताया था कि सेतु का मुआयना कर गड्ढों को भर दिया जायेगा. बावजूद, अभी तक गड्ढे हैं. इधर, डिवाइडर लगाने का काम भी अधूरा पड़ा है. स्प्रिंग पोस्ट कम पड़ जाने की वजह से डिवाइडर का काम रुका है.

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