भागलपुर : विक्रमशिला सहित एलएचबी कोच वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें बढ़ेगी. ट्रेनों की लंबाई बढ़ाये बिना रेलवे ने सीट बढ़ाने का उपाय ढूंढ़ निकाला है. गार्ड डिब्बे से लगे पावर जेनरेटर कार को हटा कर इसकी जगह यात्री कोच लगाने जा रही है. वहीं, दूसरा पावर जेनेरेटर कार जो इंजन के बाद […]
भागलपुर : विक्रमशिला सहित एलएचबी कोच वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें बढ़ेगी. ट्रेनों की लंबाई बढ़ाये बिना रेलवे ने सीट बढ़ाने का उपाय ढूंढ़ निकाला है. गार्ड डिब्बे से लगे पावर जेनरेटर कार को हटा कर इसकी जगह यात्री कोच लगाने जा रही है. वहीं, दूसरा पावर जेनेरेटर कार जो इंजन के बाद रहता है, उसकी जगह नयी तकनीक वाली हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) सिस्टम लगायेगा.
इससे यात्रियों के लिए सीट बढ़ जायेगी, तो कोचों को निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति भी होती रहेगी. एलएचबी कोच से चलने वाली ट्रेनों में अक्तूबर से एचओजी सिस्टम के कोच लगना शुरू हो जायेगा.
वर्तमान में इनमें दो पावर कार जनरेटर एक इंजन के बाद और दूसरा पीछे गार्ड डिब्बे से पहले लगा होता है. नया सिस्टम वाला कोच केवल इंजन के बाद रहेगा, वहीं ट्रेन के अंत में लगे एसएलआर गार्ड के साथ लगा पावर जनरेटर कोच को हटा दिया जायेगा. इसके बदले उनकी जगह यात्रियों के लिए सामान्य कोच लगेगा. इस्टर्न रेलवे के प्रीमियम ट्रेन राजधानी, दुरंतो आदि ट्रेनों में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी)सिस्टम लगा है, जो इंजन की बिजली से चल रहा है.
भागलपुर जंक्शन से रोजाना एलएचबी कोच वाली करीब छह जोड़ी ट्रेनों गुजरती हैं, जिसमें अंग एक्सप्रेस, एलटीटी कामख्या-गया, नयी दिल्ली साप्ताहिक, अजमेर, विक्रमशिला सुपरफास्ट आदि ट्रेनें है. नयी व्यवस्था के तहत हरेक ट्रेन में एक कोच जुड़ेगा. जिसमें करीब 70 सीटें रहती हैं. यानी, 70 सीटें बढ़ने से वेटिंग की संख्या में कमी आयेगी.
ट्रेन के इंजन से चलेंगे एसी, लाइट व पंखे : एलएचबी कोच में हेड ऑन जनरेशन सिस्टम लगने से ट्रेन के इंजन से बिजली की आपूर्ति सभी कोचों में होगी.