भागलपुर : शहर का सबसे चर्चित और जरूरी पुल है भोलानाथ फ्लाइ ओवर ब्रिज. इससे भागलपुर की एक बड़ी आबादी प्रभावित है. इसको बनाने की तैयारी लगभग एक दशक से हो रही है. दूसरी ओर अन्य महत्वपूर्ण पुल में मसाढ़ू पुल के नवनिर्माण की तैयारी ढाई साल और लोहिया पुल की मरम्मत के लिए छह साल से कागजी प्रक्रिया जारी है.
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भोलानाथ एफओबी : 33 करोड़ का पुल हुआ 117 करोड़ का, फिर भी काम नहीं
भागलपुर : शहर का सबसे चर्चित और जरूरी पुल है भोलानाथ फ्लाइ ओवर ब्रिज. इससे भागलपुर की एक बड़ी आबादी प्रभावित है. इसको बनाने की तैयारी लगभग एक दशक से हो रही है. दूसरी ओर अन्य महत्वपूर्ण पुल में मसाढ़ू पुल के नवनिर्माण की तैयारी ढाई साल और लोहिया पुल की मरम्मत के लिए छह […]
लेकिन, आज तक यह सिरे नहीं चढ़ पाया. कागज पर लागत बढ़ती गयी और काम पीछे छूटता रहा. विभाग के अनुसार भोलानाथ एफओबी के निर्माण की लागत पहले 33 करोड़ थी, जो बढ़ कर 117 करोड़ हो गयी है. मसाढ़ू पुल के निर्माण की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव है, तो लोहिया पुल की मरम्मत की राशि भी कागजी खेल में फंसी है.
साढ़े तीन गुणा बढ़ी लागत
साल 2008-09 में 33 करोड़ का एस्टिमेट बना. रेलवे से एनओसी, फिर ड्राइंग की मंजूरी, तो अब सुपरविजन चार्ज के पेच में फंस गया है मामला. इसकी लागत साल 2014 में 64 करोड़ थी, तो अब ट्रांसटेक नामक डीपीआर एजेंसी ने 117 करोड़ का एस्टिमेट बना कर भेजा है.
यह हो रही है दिक्कत : भागलपुर की एक बड़ी आबादी को आने-जाने में रोज परेशानी
टेंडर के ढाई साल बाद भी काम नहीं
हाइवे के निर्माण प्रोजेक्ट में मसाढ़ू पुल शामिल है. टेंडर फाइनल होने के बाद भी पुल का काम शुरू नहीं हुआ है. पलक इंटरप्राइजेज को इसका काम करना है. लागत लगभग सात-आठ करोड़ आना है, पर काम नहीं होने से यह भी बढ़ेगा.
यह है दिक्कत : कहलगांव जाने में परेशानी, बारिश के दिनों में तो पूरी व्यवस्था हो जाती है ठप.
लागत 68 लाख से बढ़ कर 1.13 कराेड़ हुई, बढ़ी परेशानी
मरम्मत को लेकर 68 लाख रुपये की योजना बनी. काम नहीं हुआ और यह बढ़ कर 85 लाख और अब 1.13 करोड़ के करीब पहुंच गयी है. पर काम नहीं हुआ.
यह हो रही दिक्कत : रोज होती है दुर्घटना. कभी भी किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं.
परियोजनाओं में देरी की वजह
भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी में देरी, बुनियादी सुुविधाओं का अभाव और लिंकेज, वित्तपोषण में देरी, इंजीनियरिंग संबंधी देरी, ठेका मसला, पर्यावरण संबंधी सुरक्षा के मानक सख्त होने सहित अन्य कारण हैं. सबसे बड़ा कारण गंभीर प्रयास का अभाव है.
स्वीकृति व फंड का है इंतजार
पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर राम सुरेश राय के अनुसार भोलानाथ एफओबी की ड्राइंग को मंजूरी के लिए रेलवे को सुपरविजन चार्ज चहिए. प्रशासनिक स्वीकृति मिलेगी और फंड उपलब्ध होगा, तभी दिया जा सकता है. इसी वजह से हो रही देरी.
हैंडओवर होगा, तभी काम
राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता राजकुमार के अनुसार लोहिया पुल एनएच में डिक्लियर होने के बाद हैंड ओवर नहीं हुआ है. आरसीडी ही मरम्मत करायेगा. मसाढ़ू पुल का जमीन अधिग्रहण जल्द होगा.
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