भागलपुर : से नगर निगम की लापरवाही कहें या इच्छाशक्ति की कमी शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने की बात तो कई बार कही लेकिन पहल एक बार भी नहीं हुई. नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के लिए जिलाधिकारी से पुलिस की मांग की. पुलिस मिल भी गयी. बावजूद इसके अतिक्रमण अभियान शुरू नहीं किया गया.
इसके अलावा निगम के अधिकारियों ने सड़क पर गिट्टी बालू रखनेवालों पर जुर्माना लगाने तथा सामग्री को जब्त करने की बात कही थी. इस दिशा में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. ना तो किसी को जुर्माना लगा है, न ही किसी की सामग्री जब्त की गयी है. नतीजा यह है कि सड़क पर जहां तहां निर्माण सामग्री पड़ी है और उस सड़क या गली से गुजरनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इन दिनों शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्ले तक में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. पूरे शहर में सड़क के किनारे से अवैध रूप से दुकान और मकान बना कर लोग रह रहे हैं. इससे दिनोंदिन सड़कें छोटी होती जा रही है और इस कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके अलावा सड़क पर र्छी-बालू गिराये जा रहे हैं.निगम के पदाधिकारियों ने बैठक में ही कई बार अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये. अतिक्रमण हटाने के लिए नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा.
पत्र पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने चार-एक का पुलिस बल भी मुहैया करा दिया. इसके बावजूद अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान नहीं चलाया गया. इधर लगभग 10 दिन पूर्व डिप्टी मेयर ने भवन निर्माण सामग्री रखने के लिए सड़क का उपयोग करनेवालों पर कार्रवाई की बात कही थी. सड़क पर गिराये गये र्छी-बालू को हटाने के लिए नगर सचिव ने भी संबंधित प्रभारी को निर्देश दिया था. लेकिन उनके निर्देश का भी पालन नहीं किया गया. इतना ही नहीं निगम के मुख्य द्वार के पास ही रोजाना अवैध रूप से दुकानें लगती है, लेकिन निगम इसे भी नहीं हटा रहा है.