संसाधन का अभाव, रोग की नहीं कर पाते पहचान, परिणाम रेफर
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पिछले साल 50% मरीज सरकारी अस्पतालों से रेफर
संसाधन का अभाव, रोग की नहीं कर पाते पहचान, परिणाम रेफर कुव्यवस्था के बीच बिना बताये अस्पताल से भाग रहे हैं मरीज भागलपुर : सरकारी अस्पताल में आने वाले पचास प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को रेफर करने का खेल चल रहा है. ऐसे मरीज रेफर हो रहे हैं, जिनका इलाज आसानी से पीएचसी में हो […]
कुव्यवस्था के बीच बिना बताये अस्पताल से भाग रहे हैं मरीज
भागलपुर : सरकारी अस्पताल में आने वाले पचास प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को रेफर करने का खेल चल रहा है. ऐसे मरीज रेफर हो रहे हैं, जिनका इलाज आसानी से पीएचसी में हो सकता है. व्यवस्था का यह हाल है कि जेएलएनएमसीएच अस्पताल में मरीजों की भीड़ जुट रही है. यहां के ओपीडी में भारी भीड़ की वजह से जैसे तैसे इलाज कराने काे विवश हैं.
लेकिन यहां उपलब्ध डॉक्टर दो मिनट से ज्यादा वक्त मरीज को नहीं दे पाते. ऐसे में गरीब मरीज कर्ज लेकर अपना इलाज निजी क्लिनिक में कराने को विवश हैं.
आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल से अब तक विभिन्न माह में 54 प्रतिशत तक मरीजों को रेफर किया गया है. व्यवस्था से नाराज मरीज बिना किसी को बताये ही अस्पताल से भाग रहे हैं. हालांकि ऐसे मरीजों की संख्या काफी कम है.
पिछले साल सितंबर में सबसे ज्यादा मरीज हुए रेफर : जिले के सरकारी अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज को पिछले साल सितंबर माह में रेफर किया गया है. इस माह 54 प्रतिशत मरीज को रेफर किया गया है. कुल 17 पीएचसी और सदर अस्पताल का आंकड़ा इसमें शामिल है. जबकि अक्तूबर माह मेंं 50 प्रतिशत मरीज को रेफर किया गया है.
जनवरी 2019 में रेफर का प्रतिशत 33 है. जबकि नवंबर माह में 49 प्रतिशत मरीजों को रेफर किया गया है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने 2 प्रतिशत मरीज को लामा घोषित किया है. लामा ऐसे मरीजों को कहा जाता है, जोकि अस्पताल में भर्ती होने के बाद बिना किसी को बताये भाग जायें.
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