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कॉमन फेसिलिटी सेंटर में मिलेगा 600 मंजूषा कलाकारों को काम

भागलपुर : सैंडिस कंपाउंड में मंगलवार को सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव का जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने आगाज किया. इसमें उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उप विकास पदाधिकारी अशोक सिन्हा ने कहा कि आज मिथिला पेंटिंग के बाद मंजूषा कला का ही बिहार में स्थान आता है. यहां पहले कलाकारों को ढूंढ़ना पड़ता था, लेकिन […]

भागलपुर : सैंडिस कंपाउंड में मंगलवार को सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव का जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने आगाज किया. इसमें उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उप विकास पदाधिकारी अशोक सिन्हा ने कहा कि आज मिथिला पेंटिंग के बाद मंजूषा कला का ही बिहार में स्थान आता है. यहां पहले कलाकारों को ढूंढ़ना पड़ता था, लेकिन अब सैकड़ों की संख्या में कलाकार हैं.

भागलपुर के तिलकामांझी में मंजूषा कलाकारों के लिये कॉमन फेसिलिटी सेंटर का निर्माण होगा. जून में यह उद्योग विभाग को हैंडओवर किया जायेगा. इसके बाद इसमें भागलपुर के तकरीबन 600 मंजूषा कलाकारों को काम मिलेगा. डिजाइनर के नेतृत्व में उनके द्वारा तैयार किये गये उत्पाद की ऑनलाइन मार्केटिंग भी की जायेगी.

कॉमन फेसिलिटी सेंटर में डिजाइन रूम, हॉल, डिस्प्ले रूम, स्टोर आदि होंगे. उन्होंने मंजूषा पर उपेंद्र महारथी द्वारा प्रकाशित पुस्तक का बांका व भागलपुर के स्कूलों में वितरण कराने का अनुरोध जिलाधिकारी से किया. डीएम ने कहा कि एक नहीं, कई चीजों में भागलपुर विश्वविख्यात रहा है. मंजूषा कला में हमारी ख्याति बढ़ती जा रही है. इन सात दिनों में शहर के किसी मुख्य सड़क के किनारे चहारदीवारी चिह्नित कर उस पर मंजूषा कलाकृति उकेरी जायेगी.

मेयर सीमा साहा ने कहा कि भागलपुर पहले कतरनी और सिल्क के नाम से जाना जाता था. अब इसमें मंजूषा भी शामिल हो गयी है. इसे आगे बढ़ाने में यथासंभव सहयोग करेंगे. राजीव कांत मिश्रा ने भागलपुरवासियों से अपील की कि हम जब भी किसी उत्सव में भाग लें, एक वस्त्र मंजूषा पेंटिंग की हुई जरूर पहनें.
मंजूषा गुरु मनोज पंडित ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह महोत्सव पहले कलाकारों की मदद से किया करते थे और फिर 2016 में इसे उद्योग विभाग ने सहयोग कर चार चांद लगा दिया. उद्योग विभाग के पूर्व महाप्रबंधक एनके झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इससे पहले मंजूषा पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया.
महोत्सव में लगे 50 स्टॉल में अतिथियों ने भ्रमण भी किया. इस मौके पर उद्योग विभाग के महाप्रबंधक रमणजी प्रसाद, दिशा ग्रामीण मंच के मनोज पांडेय, निर्मला देवी, उलूपी झा, दीपक कोचगवे, डॉ अमरेंद्र, राजकुमार, शंभु राय आदि मौजूद थे.
मंजूषा का होगा जीआइ रजिस्ट्रेशन : उपेंद्र महारथी सिल्प अनुसंधान संस्थान के अशोक सिन्हा ने कहा कि मंजूषा का जीआइ (जोग्रफिकल आइडेंटिफिकेशन) होगा. इसके लिए भारत सरकार के चेन्नई स्थित कार्यालय में आवेदन कर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद मंजूषा कला की चोरी नहीं हो सकेगी. बिहार में इससे पहले सिक्की, सुजनी, एप्लिक, मिथिला पेंटिंग कला को जीआइ मिल चुका है. यह मिल जाने से उस कला को वैश्विक पहचान मिल जाती है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन : शाम को महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें पटना की रहनेवाली सुर संग्राम टीवी कार्यक्रम की फाइनलिस्ट प्रिया राज व अररिया के अमर आनंद ने गीत प्रस्तुत किया.

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