भागलपुर : भोलानाथ फ्लाई ओवर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिज का निर्माण भीखनपुर गुमटी नंबर दो से शुरू होगा, जो शीतला स्थान चौक (मिरजानहाट) के बीच 1110 मीटर लंबा होगा. सोमवार को ट्रांसटेक नामक डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी ने पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर को डीपीआर सौंप दिया है. इसकी अब […]
भागलपुर : भोलानाथ फ्लाई ओवर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिज का निर्माण भीखनपुर गुमटी नंबर दो से शुरू होगा, जो शीतला स्थान चौक (मिरजानहाट) के बीच 1110 मीटर लंबा होगा. सोमवार को ट्रांसटेक नामक डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी ने पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर को डीपीआर सौंप दिया है.
इसकी अब टेंडर के साथ निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू होगी. डीपीआर 117 करोड़ का बनाया गया है. यानी, यह तय हो गया है कि भोलानाथ फ्लाई ओवर के निर्माण पर 117 करोड़ खर्च होंगे. इधर, डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा समर्पित डीपीआर का अध्ययन पुल निर्माण निगम के अधिकारी कर रहे हैं. अधिकारी के अनुसार अगले दो-तीन दिन में डीपीआर को मुख्यालय भेज दिया जायेगा. साथ ही स्वीकृति दिलाने की भी कोशिश की जायेगी. ताकि जितनी जल्दी हो सके, ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कराया
बता दें कि पूर्व में ही ब्रिज बनाने के लिए रेलवे से न केवल एनओसी मिली है, बल्कि इसके डिजाइन को भी मंजूर कर लिया गया है. केवल डीपीआर के इंतजार में ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया रुकी थी. डीपीआर बनने और समर्पित होने से यह प्रोजेक्ट अब और गतिशील होगी.
रेलवे ट्रैक से सात मीटर ऊंचा बनेगा फ्लाई ओवर
भोलानाथ फ्लाई ओवर रेलवे ट्रैक से सात मीटर ऊंचा बनेगा. रेलवे ने साल 2015 में ही राज्य सरकार को एनओसी दी है.
जहां कम चौड़ी सड़क, वहां होगा जमीन अधिग्रहण
डिक्शन चौक से शीतला स्थान के बीच तकरीबन 50 फीट चौड़ी सड़क है. डिक्शन चौक से भीखनपुर चौक के बीच कहीं पर 40 फीट, तो कहीं 35 फीट ही सड़क है. ब्रिज को भीखनपुर चौक से लगभग 25 मीटर पहले गिराया जायेगा. जहां पर ब्रिज नीचे आयेगा, वहां सड़क लगभग 35 फीट चौड़ी है. यहां कम से कम 60 फीट चौड़ी जगह की जरूरत है. ऐसे में 550 से 600 मीटर भूमि अधिग्रहण के बिना ब्रिज निर्माण संभव नहीं है.
डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी की ओर से डीपीआर समर्पित कर दिया गया है. डीपीआर की राशि 117 करोड़ की है. इसका अध्ययन किया जा रहा है. अगले दो-तीन दिन में इसे मुख्यालय भेज दिया जायेगा. इसके बाद अब केवल टेंडर की प्रक्रिया अपनाने की देर है. टेंडर के बाद निर्माण का काम शुरू हो जायेगा.
राम सुरेश राय, वरीय प्रोजेक्ट इंजीनियर, पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर