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प्रतिदिन आते हैं 250 मरीज, मात्र 14 नर्स हैं कार्यरत
भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज के हड्डी रोग विभाग का हाल बेहाल है. यहां पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के अभाव का दंश झेलना पड़ रहा है. एक-एक मरीज को डेढ़ माह तक जांच कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों का इंतजार करना पड़ रहा है. हड्डी विभाग में प्रतिदिन 200 से 250 मरीज आते […]
भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज के हड्डी रोग विभाग का हाल बेहाल है. यहां पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के अभाव का दंश झेलना पड़ रहा है. एक-एक मरीज को डेढ़ माह तक जांच कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों का इंतजार करना पड़ रहा है. हड्डी विभाग में प्रतिदिन 200 से 250 मरीज आते हैं, लेकिन यहां मात्र 14 नर्स ही कार्यरत हैं. इससे मरीजों को समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है. एक नर्स को 10 मरीजों से अधिक का इलाज करना पड़ता है. इसमें विभागीय कार्य, ऑपरेशन प्रक्रिया, दवा-सूई, ड्रेसिंग आदि शामिल हैं.
केस-एक: बुधवार को प्रभात खबर ने पड़ताल की तो पाया कि बाल्टी कारखाना के बुजुर्ग रवींद्र शर्मा डेढ़ माह पहले भर्ती हुए थे. उनका पैर टूटा हुआ है, केवल जांच नहीं होने के कारण बेड पर पड़ा हुआ है. परिजनों ने बताया कि रवींद्र शर्मा का पैर टूट गया है. वे नवरात्र की पहली पूजा को ही भर्ती हुए हैं. स्वास्थ्यकर्मी के छुट्टी पर रहने के कारण अब तक जांच नहीं हो सका था, जिससे पैर का ऑपरेशन नहीं हुआ. यहां पर डेढ़ माह से बेड पर पैर में ईंट बांधकर छोड़ दिया गया है.
केस-दो: निस्फ अंबे के कपिलदेव पासवान तो दो दिन पहले भर्ती हुए हैं. उनका हाथ टूट गया है. कपिलदेव का कहना है कि सफाई व्यवस्था गड़बड़ है. नर्स भी समय पर नहीं पहुंचती. यहां पर आकर नारकीय जिंदगी जी रहे हैं. शौचालय में भी सफाई नहीं होती है. कम स्वास्थ्यकर्मी होने से इलाज में ढिलाई बरती जा रही है.
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