भागलपुर : सृजन घोटाले में एक और चर्चा जोरों पर है कि सबौर प्रखंड परिसर में सृजन संस्था को ट्राइसेम भवन लीज पर देने वाली बंदोबस्ती की फाइल नहीं मिल रही है. कहा जा रहा है कि फाइल अंचल में ही इधर-उधर कहीं रखा है और इसकी खोज शुरू हो गयी है. इस कारण सबौर प्रशासन ने ट्राइसेम भवन के लीज पर देने वाले पत्र को भेज दिया, जिसको प्रशासन ने अधूरा करार दिया है. प्रशासन ने लीज संबंधी संचिका के एक-एक कागजात की अभिप्रमाणित कॉपी देने के लिए कहा था. दोबारा से सबौर अंचलाधिकारी को लीज मामले के पत्र की सामान्य कॉपी के बजाय फाइल की एक-एक कॉपी की अभिप्रमाणित कॉपी भेजने के लिए कहा जायेगा.
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ट्राइसेम भवन बंदोबस्ती की फाइल नहीं मिलने की चर्चा सीओ ने भेजा अधूरा जवाब, फिर मांगी जायेगी फाइल
भागलपुर : सृजन घोटाले में एक और चर्चा जोरों पर है कि सबौर प्रखंड परिसर में सृजन संस्था को ट्राइसेम भवन लीज पर देने वाली बंदोबस्ती की फाइल नहीं मिल रही है. कहा जा रहा है कि फाइल अंचल में ही इधर-उधर कहीं रखा है और इसकी खोज शुरू हो गयी है. इस कारण सबौर […]
सीबीआइ की मांग पर प्रशासन ने 26 जुलाई को भेजा था पहला पत्र : सीबीआइ की मांग पर जिला प्रशासन ने 26 जुलाई को सबौर के बीडीओ व सीओ को उक्त पदाधिकारियों से सबौर स्थित सृजन संस्था का कार्यालय ट्राइसेम भवन निर्गत करने संबंधी आदेश का पत्र और संचिका के बारे में जानकारी मांगी थी. ताकि ट्राइसेम भवन में किराये देने की मेहरबानी में कौन-कौन थे. इस पत्र का जवाब नहीं मिलने पर 23 अगस्त को दोबारा रिमांइडर दिया गया. इस रिमांइडर का भी जवाब अधूरा आया और फिर से पत्र जा रहा है.
यह था मामला: सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड को वर्ष 2004 में कार्यालय संचालन के लिए ट्राइसेम भवन का निर्माण करवाकर लीज पर दिया था. इस तरह सृजन संस्था को 30 साल की लीज पर भवन मिल गया था. प्रशासन ने तभी इसका वार्षिक किराया दो हजार चार सौ रुपये निर्धारित किया था. सृजन संस्था के द्वारा किराये का भुगतान वार्षिक किया जाता रहा. वर्ष 2004 में लीज पर देने के बाद किराये का संशोधन भी नहीं किया.
पूर्व डीएम केपी रमैया के कार्यकाल में मिली थी लीज
पूर्व डीएम केपी रमैया के समय ट्राइसेम भवन को लीज पर देने की कार्रवाई हुई थी. इस कारण सीबीआइ संबंधित निर्देश पत्र व संचिका की खोज कर रही है. बताया जाता है कि जिला स्तर पर कई विभागों में अभी तक इससे संबंधित न तो संचिका मिल रही है और न ही वह पत्र मिला है. पूर्व डीएम ने पत्र संख्या 263 के माध्यम से सृजन समिति को ट्राइसेम भवन का लीज प्रदान करने का निर्देश जारी किया था. सीबीआइ की मांग के बाद पत्र की खोज सबौर कार्यालय में भी की गयी थी.
सरकारी खर्च पर बनाया भवन और प्रभाव से किया कब्जा सरकारी खर्च पर ट्राइसेम भवन का निर्माण हुआ और उस पर सृजन की किंगपिन रही मनोरमा देवी ने अपनी संस्था को खोल दिया. कर उसे किराये पर ले लिया था. ट्राइसेम भवन में ही सृजन ने अपना कार्यालय खोला और वहां महिला बैंक स्थापित किया और महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से छोटे-छोटे कारोबार प्रारंभ किया गया.
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