भागलपुर : प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार अपने साप्ताहिक दौरे में गुरुवार को सबौर के सरकारी शिक्षा का हाल देखा तो बेहाल हो गये. वे स्कूल के 12 वीं कक्षा में पढ़ने देखने गये तो वहां पर छात्रों की पढ़ाई सत्र के पांच माह गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हो पायी थी. कक्षा के अटेंडेंस रजिस्टर की जांच तो उसमें 102 छात्रों के नाम थे, मगर मौके पर एक भी छात्र उपस्थित नहीं था. जब उनसे पूछा गया कि यह हाल क्यों है. इस पर जवाब मिला, स्कूल के समय में छात्र निजी काेचिंग में पढ़ने जाते हैं.
छात्र यहां के क्लास में कम दिलचस्पी लेते हैं. इस पर कमिश्नर बिफर पड़े और हिदायत दी कि किसी भी कीमत पर क्लास में छात्रों की उपस्थिति को बढ़ाये अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी. कहा कि जरूरी हो तो छात्र के अभिभावक को चिट्ठी लिखकर खुद मुलाकात करें. वर्तमान में स्कूल के 9 वीं में 492 और 10 वी में 416 बच्चे पढ़ रहे हैं, जबकि 11 वीं कक्षा के लिये नामांकन जारी है. इधर, कमिश्नर के दौरे में कुछ कक्षा में शिक्षक तो थे तो वहां पर छात्र नजर नहीं आये. स्कूल के जर्जर हाल को देख कमिश्नर ने प्राचार्य से पूछा कि कोई काम क्यों नहीं हो रहा है. कहा गया कि विकास निधि में 16 लाख रुपये दिया गया, लेकिन यह खर्च नहीं हो सका है. कमिश्नर भी आश्चर्यचकित रह गये कि बजट के बाद भी खर्च नहीं हुआ. कारण के बारे में बताया कि विधायक की अध्यक्षता में प्रबंध समिति की बैठक होती है, लेकिन यह अभी तक नहीं हो पायी है.