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एनएच की बिगड़ी हालत पर प्रधान सचिव गंभीर अब सुबह-शाम सड़क नापेंगे कार्यपालक अभियंता

भागलपुर : एनएच-80 की बिगड़ी हालत को प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को दो बार रोड में जाने का निर्देश जारी किया है. कार्यपालक अभियंता से कहा गया है कि, वे रोजाना दो बार साइट की रिपोर्टिंग कर रिपोर्ट भेजें. यानी, […]

भागलपुर : एनएच-80 की बिगड़ी हालत को प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को दो बार रोड में जाने का निर्देश जारी किया है. कार्यपालक अभियंता से कहा गया है कि, वे रोजाना दो बार साइट की रिपोर्टिंग कर रिपोर्ट भेजें. यानी, कार्यपालक अभियंता अब सुबह-शाम सड़क नापने का काम करेंगे. यह तब तक करेंगे, जब तक सड़क बन नहीं जाती है.
प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में सोमवार को कार्यपालक अभियंता सुबह और शाम दोनों वक्त कार्यस्थल पर गये और वहां की रिपोर्टिंग की. उन्होंने दिनभर में होने वाले कार्यों का न केवल जायजा लिया, बल्कि किस समय में किस तरह का और कितना काम हुआ, चल रहे कार्यों में किस तरह के मशीनरी उपकरण लगे थे, इसकी रिपोर्ट प्रधान सचिव को भेजा गया. इधर, प्रधान सचिव के जारी आदेश और कार्यपालक अभियंता की साइट रिपोर्टिंग से कार्य में तेजी आयी है.
मालूम हो कि प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने जब एनएच 80 की गड़बड़ी पकड़ में आयी थी, तो उनकी ओर से प्रधान सचिव से इसकी शिकायत की गयी. तभी से एनएच विभाग रोड निर्माण करवाने में गंभीर हुए थे, लेकिन कार्य प्रगति धीमी चल रही थी.
झुरखुरिया मोड़ से रानीतालाब के बीच भरे गये छूटे हुए गड्ढे : झुरखुरिया मोड़ से रानीतालाब के बीच एनएच 80 की रोड के छूटे हुए गड्ढाें को भरकर मोटरेवुल कराया गया है. इसके लिए जेसीबी, ग्रेडर, रोड रोलर एवं हाइवा लगाया गया था. छोटे-छोटे गड्ढे भर जाने से बेहतर सड़क तो नहीं कम से कम चलने जरूर बन गयी है.
बता दें कि, ट्रैफिक ब्लॉक के पहले दिन बीते बुधवार को सबसे पहले झुरखुरिया मोड़ से रानीतालाब के बीच ही मोटरेबुल काम कराना शुरू किया गया था. आनन-फानन में काम कराने से कई जगहों पर गड्ढे छूट गये थे. वहीं कुछ जगहों पर दलदली और वाहनों के दबाव से गड्ढे बन गये थे.
नाले के चलते इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने मोटरेवुल कराने की कोशिश हो रही बेकार : इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने नाले के चलते मोटरेवुल कराने की लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन वह बेकार साबित हो रही है. नाले का पानी का बहाव सीधे रोड पर हो रही है. इसके लिए जिस जेसीबी से सड़क बनाने का काम लिया जाना चाहिए था, उसे नाले का पानी निकालने में लगाया गया है. हालांकि, इंजीनियरिंग कॉलेज के एक से दूसरे गेट के बीच जिस हिस्से में नाले के पानी का बहाव नहीं है, वहां मोटरेवुल कार्य लगभग पूरा हो गया है. मामला केवल इंजीनियरिंग कॉलेज के पश्चिमी गेट पर फंसा है, जहां मोटरेवुल कार्य कराना ठेकेदार के लिए चुनौती बनी है.
कमिश्नर को एग्जीक्यूटिव ने सौंपा स्पष्टीकरण का जवाब सुपरिटेंडेंट कर रहे तैयारी
कमिश्नर के पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सौंप दिया है. वहीं सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सोमवार को देर शाम तक जवाब देने की तैयारी में जुटे हैं. हालांकि, बताया जा रहा था कि वह भी देर शाम तक जवाब सौंप देंगे. सुपरिटेंडेंट इंजीनियर की ओर से दिये जाने वाले जवाब विस्तृत में होंगे.
यानी, कब-कब सड़क बनी, कितना खर्च आया, टूटने की वजह क्या रही, विभागीय स्तर पर किस तरह की कार्रवाई की गयी. कार्य की उपलब्धता पर किस कांट्रैक्टर को कब और कितना भुगतान किया गया एवं रोड की अभी अद्यतन स्थिति क्या है, आगे की प्लानिंग क्या बनी है आदि रिपोर्ट में शामिल किया गया है.
एग्जीक्यूटिव से मिले कांट्रैक्टर, रखी अपनी समस्या : सोमवार को राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यालय में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से पलक इंफ्रा कार्य एजेंसी के संचालक प्रवीण कुमार मिले और रोड निर्माण से संबंधित अपनी समस्या उनके समक्ष रखी. उन्होंने जगह-जगह अतिक्रमण और नाले का पानी जमा होने से निर्माणाधीन सड़क टूटने की शिकायत की और इस समस्या का निराकरण की मांग किया. इधर, कार्यपालक अभियंता के पूछे गये स्पष्टीकरण की अवधि पूरी हो गयी है. ठेकेदार की ओर से जवाब देने की तैयारी की जा रही है.

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