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पूर्व मंत्री तोमर व टीएमबीयू के आठ कर्मियों के खिलाफ चलेगा सेशन ट्रायल

भागलपुर : लॉ की फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली के हौजखास काेर्ट ने पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर व टीएमबीयू के आठ कर्मचारियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिया है. इसके बाद संबंधित मामले में सेशन ट्रायल चलेगा और गवाहों पर सरकार व बचाव पक्ष की जिरह होगी. इस मामले की अगली सुनवाई 27 […]

भागलपुर : लॉ की फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली के हौजखास काेर्ट ने पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर व टीएमबीयू के आठ कर्मचारियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिया है. इसके बाद संबंधित मामले में सेशन ट्रायल चलेगा और गवाहों पर सरकार व बचाव पक्ष की जिरह होगी. इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.
टीएमबीयू के जिन कर्मियों के खिलाफ ट्रायल चलेगा उनमें बड़े नारायण सिंह, डॉ रजी अहमद, राजेंद्र प्रसाद सिंह, निरंजन शर्मा, जनार्दन प्रसाद, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुमार सिंह, सदानंद राय शामिल हैं. अनुसंधानकर्ता सत्येंद्र सांगवान ने बताया कि 21 जुलाई को कोर्ट ने उक्त लोगों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिया है. उक्त लोगों को आइपीसी की धारा 420\120-बी\471 के तहत धोखाधड़ी, साजिश, फर्जी कागजात को असली कागजात के रूप में उपयोग करने का दोषी माना गया है.
वहीं अनिरूद्ध दास, डॉ आरआर पोद्दार, कृष्णानंद प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राम अवतार आदि पर कोर्ट का ट्रायल अभी जारी है. अनुसंधानकर्ता ने बताया कि कोर्ट में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी. कोर्ट के आदेश मिलने पर उनलोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है. आदेश मिलने पर उनलोगों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस भागलपुर जायेगी. विवि के अधिकारी व स्थानीय पुलिस से भी सहयोग मांगा जायेगा.
तोमर की फर्जी डिग्री मामले में 18 जुलाई को दिल्ली कोर्ट में पूर्व रजिस्ट्रार प्रो शंभुनाथ चौधरी की गवाही हुई. तोमर ने लॉ की डिग्री को टीएमबीयू के द्वारा फर्जी घोषित करने पर हाइकोर्ट पटना में चुनौती दी है. विवि ने डिग्री फर्जी घोषित करने से पूर्व उनका पक्ष नहीं लिया. मामले में कोर्ट ने पक्ष रखने का निर्देश दिया है. पिछले माह तोमर अपने आधा दर्जन वकील के साथ अपना पक्ष रखने विवि के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे और अपना पक्ष रखा था. फिलहाल मामला कोर्ट में है.
क्या था मामला
टीएमबीयू से संबद्धता प्राप्त वीएनएस लॉ कॉलेज से तोमर ने लॉ की डिग्री प्राप्त की थी. डिग्री को फर्जी बता किसी ने कोर्ट में आवेदन किया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच करने का आदेश दिया था. आधा दर्जन से अधिक बार दिल्ली पुलिस की टीम टीएमबीयू पहुंची. पुलिस तोमर से संबंधित सभी दस्तावेज साथ लेकर दिल्ली चली गयी थी. कोर्ट में पुलिस ने सारे कागजात जमा किया. विवि ने पूर्व में आंतरिक जांच में करीब 20 लोगों को गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार ठहराया था. दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच में तोमर सहित टीएमबीयू के 14 लोगों को आरोपित बनाया था. कोर्ट ने टीएमबीयू के आठ लोगों को दोषी करार दिया है.

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