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योजना पूरी होने पर अभिलेख की छाया प्रति रखेंगे बीडीओ

भागलपुर : सात निश्चय का सच समझने के लिए प्रखंड के तीन अलग-अलग पंचायत में गयी जांच टीम की रिपोर्ट भी अजब-गजब आयी. दो अलग-अलग चरण में वरीय उप समाहर्ता स्तर के साथ एक तकनीकी पदाधिकारी की टीम को सात निश्चय के तहत हर घर नल व नली-गली के बारे में जांच कराया गया. इस […]

भागलपुर : सात निश्चय का सच समझने के लिए प्रखंड के तीन अलग-अलग पंचायत में गयी जांच टीम की रिपोर्ट भी अजब-गजब आयी. दो अलग-अलग चरण में वरीय उप समाहर्ता स्तर के साथ एक तकनीकी पदाधिकारी की टीम को सात निश्चय के तहत हर घर नल व नली-गली के बारे में जांच कराया गया. इस जांच के बाद प्रथम चरण में चार पदाधिकारियों का जांच प्रतिवेदन हुआ. इसके अलावा 12 पदाधिकारी सहित तकनीकी पदाधिकारी से जांच नहीं करायी गयी.
इस पर संबंधित से स्पष्टीकरण हुआ. इसके बाद दूसरे चरण में उक्त 12 पदाधिकारियों ने अपने-अपने जांच का प्रतिवेदन दिया. इसमें चार पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद अलबेला, भूमि सुधार उप समाहर्ता नवगछिया, अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया, भू अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कहलगांव चंद्रशेखर झा ने जांच प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया. राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक गुलाब हुसैन व सहायक अभियंता देवेंद्र चौधरी का जांच प्रतिवेदन तो अजीबोगरीब रहा.
उनका जांच प्रतिवेदन सादे प्रपत्र पर हस्ताक्षर करके उपलब्ध कराया गया, जो हास्यास्पद था. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नवगछिया ने बिना स्थलीय जांच कर पंचायत सचिव से पूछताछ और कुछ कागजात को आधार बनाकर प्रतिवेदन दिया, जिससे जांच सार्थक सिद्ध नहीं होती है.
प्रधान सचिव से मिले थे निर्देश
ठेकेदारी से कोई भी योजना का काम नहीं होना चाहिए. ऐसा हुआ तो प्राथमिकी दर्ज करायी जाये.
खर्च नियम से नहीं होने पर वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंध समिति के सचिव पर नीलाम पत्र वाद दायर होगा.
ग्राम पंचायत के सात निश्चय के खाता की जांच करायी जाये.
सभी प्रखंड के प्रभारी एसडीसी प्रत्येक सप्ताह में जांच की तिथि अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम में तय करेंगे.
अग्रिम भ्रमण के तहत हुए दौरे के बारे में जिला मुख्यालय को जानकारी देंगे. अनियमितता पाये जाने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.
प्रखंड स्तर के पंचायती राज पदाधिकारी की तकनीकी स्वीकृति पर होगी सहमति : डीएम ने प्रखंड स्तर पर चल रहे सात निश्चय के हर घर नल व गली-नली योजना में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को भी प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई का सदस्य सचिव मनोनीत करने का निर्देश दिया है. अभी तक इकाई के अध्यक्ष संबंधित बीडीओ होते हैं, उनकी योजना पर तकनीकी स्वीकृति आवश्यक होती है. अब प्रखंड के पंचायती राज पदाधिकारी की भी सहमति जरूरी होगी. जिला पंचायती राज पदाधिकारी के अप्रूवल से संबंधित सदस्य सचिव बनेंगे.

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