24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

…और जैन मंदिर से लौट गये आचार्य व मुनिराज

भागलपुर : तीन वर्षों से जलजमाव का दंश झेल रहे कबीरपुर स्थित जैन सिद्धक्षेत्र में पहले ही श्रद्धालुओं का आना कम हो चुका है और अब संत व मुनिराज भी आकर वापस लौटने लगे हैं. सम्मेद शिखर से पदयात्रा करते हुए जैन सिद्धक्षेत्र पधारे पूज्य आचार्य विपुल सागर जी महाराज, पूज्य आचार्य श्री भद्रबाहु जी […]

भागलपुर : तीन वर्षों से जलजमाव का दंश झेल रहे कबीरपुर स्थित जैन सिद्धक्षेत्र में पहले ही श्रद्धालुओं का आना कम हो चुका है और अब संत व मुनिराज भी आकर वापस लौटने लगे हैं. सम्मेद शिखर से पदयात्रा करते हुए जैन सिद्धक्षेत्र पधारे पूज्य आचार्य विपुल सागर जी महाराज, पूज्य आचार्य श्री भद्रबाहु जी महाराज व पूज्य मुनिराज श्री भरतेश सागर महाराज जैन सिद्धक्षेत्र के सामने नारकीय स्थिति देख राजगीर की ओर प्रस्थान कर गये.
मंिदर में चतुर्मास में शामिल होेने आये थे
तीन संत चतुर्मास के लिए आये थे. यहां पर रुक कर साधना और योग करते. सम्मेद शिखर से पदयात्रा करते हुए भगवान वासुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली पर आये थे. उन्होंने बताया कि इस पवित्र स्थली पर रहकर चतुर्मास करना, विशेष मंत्र साधना, योग एवं ध्यान करना बड़ा महत्वपूर्ण माना गया है. उन्होंने जलजमाव और बाहर की नारकीय स्थिति देखकर यहां से अन्य पवित्र स्थानों पर जाना उचित समझा. दरअसल पूरे देश से चतुर्मास में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और दर्शन-पूजन करते हैं. इन हालात में श्रद्धालुओं को यहां पर आने पर कष्ट होगा, उनको अनुकूलता नहीं मिलेगी.
भक्तों ने ठहरने का किया अनुरोध, लेकिन अचानक कर गये प्रस्थान : यहां पहुंचने पर भक्तों ने संतों को बार-बार रुकने का अनुरोध किया. चतुर्मास के दौरान पूजनार्थी को होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए प्रात: पांच बजे अचानक सिद्धक्षेत्र छोड़कर राजगीर की तरफ प्रस्थान कर गये.
कहते हैं जैन सिद्धक्षेत्र मंत्री : जैन सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने बताया कि चतुर्मास ध्यान साधना, सत्संग व व्रत जीवन को उन्नत करने का अवसर है. आत्मबल बढ़ाने व आत्ममंथन का उपयुक्त समय है. ऐसे समय में श्रद्धालुओं का बहुत हित होता, लेकिन ऐसी स्थिति में यहां श्रद्धालुओं को दिक्कत होती. यही सोचकर वे यहां से प्रस्थान कर गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें