भागलपुर : जयप्रकाश उद्यान को विकसित और सुंदर बनाने को लेकर मास्टर प्लान तैयार हो गया है. अब पटना की टीम (पीसीसीएफ)की मुहर लगने का इंतजार है. मास्टर प्लान राज्य सरकार को भेज दिया गया है, सिर्फ औपचारिक स्थल निरीक्षण बाकी है.
उसके बाद जब पटना के अधिकारियों की मुहर लग जायेगी तो फंड आवंटित किया जायेगा और कार्य शुरू हो जायेगा. मास्टर प्लान के तहत उद्यान में दो तालाब का बेहतर तरीके से निर्माण होगा एवं उसका सौंदर्यीकरण किया जायेगा. वहीं उद्यान में बने दोनों पार्को में पटना के इको पार्क की तर्ज पर अच्छे किस्म के फूलों के साथ घास व पौधे लगाये जायेंगे. जयप्रकाश उद्यान को बेहतर बनाने की मांग वर्षो से शहर के लोग करते रहे हैं. चूंकि शहर के लोगों को थोड़ी देर आराम से समय व्यतीत करने के लिए यही एक ऐसा पार्क है जहां वह बैठ सकते हैं.
सरकारी फाइलों में यह उद्यान 26 अक्तूबर 1978 को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा वन विभाग को हस्तांतरित किया गया था. उसके बाद यह जयप्रकाश उद्यान बना था. 1978 से 83 तक यह उद्यान मुंगेर वन प्रमंडल के अधीन था. 1984 में जब बांका वन प्रमंडल बना तो इसे बांका में स्थानांतरित कर दिया गया. 2013 में जब भागलपुर को नया वन प्रमंडल घोषित कर दिया गया तो शहर के लोगों में एक नयी उम्मीद जगी है कि अब इस उद्यान का जल्द ही काया कल्प हो जायेगा. 34.25 एकड़ (कुल रकबा ) में फैले उद्यान को विकसित करने के लिए सिंचाई की भी पर्याप्त व्यवस्था की जायेगी. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि उद्यान का मास्टर प्लान एक बार सरकार को भेज चुके हैं.
वहां से एक टीम (पीसीसीएफ) भागलपुर स्थल निरीक्षण करने आयेगी. उनकी रिपोर्ट पर सरकार फंड उपलब्ध करायेगी और काम शुरू हो जायेगा. उन्हें 19 मई को ही आना था पर टीम सहरसा से ही वापस लौट गयी थी. अब जून में निरीक्षण होने की उम्मीद है. स्वीकृति के बाद उद्यान के चारों ओर घास लगाये जायेंगे और ड्रेनेज लाइन के साथ अन्य तरह का सौंदर्यीकरण किया जायेगा.