भागलपुर : मासूम आरोही के पिता सुभाष ने बताया कि एक दिन पूर्व शनिवार को शाम में आरोही घर की ओर आने वाली गली में खोदे गए गड्ढे में गिर गई थी. जिसके बाद उन्होंने शशि मोदी और घर में काम कर रहे मजदूरों को गड्ढों को भरने और सावधानी से काम करने की हिदायत दी थी. इसके बावजूद रविवार को सुबह से ही लापरवाही बरती जा रही थी. तीन दिन पूर्व तोड़ने का काम शुरू होने से पहले ही आसपास रहने वाले लोगों ने तोड़े जाने वाले जगह की घेराबंदी करने को कह रहे थे. अगर घेराबंदी कर सावधानी से काम किया जाता तो आज यह हादसा नहीं होता.
शशि ने दो महीने पहले ही सुरेश प्रसाद साह से खरीदी थी जमीन.स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त मकान सुरेश प्रसाद साह और उनकी बहन उर्मिला देवी की थी. सुरेश प्रसाद साह ने तीन माह पूर्व ही अपने हिस्से की जमीन और घर को कुतुबगंज के रहने वाले शशि मोदी को बेच दी थी और सुरेश पूरे परिवार के साथ किशनगंज शिफ्ट हो गये. इसके बाद तीन दिन पूर्व ही कुछ मजदूरों के साथ पहुंचे शशि मोदी ने घर तोड़वाना शुरू किया था. घर के आंगन में मौजूद छत का हिस्सा तोड़ा ही जा रहा था, इसी दौरान आंगन के बाहर मौजूद छज्जा गिरने से पांच साल के मासूम की दबने से मौत हो गयी.
बगल के घर के लिंटर से सटाकर खोदा गड्ढा, कभी भी घट सकती है वारदात. बता दें कि इस हादसे से चार माह पूर्व मुंदीचक के आर बाख्ला गली में भी भवन निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे की वजह से जमीन से सटा दो मंजिली इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गया था. ठीक उसी प्रकार तोड़े जा रहे मकान की जमीन के एक तरफ सुभाष साह और उसके चाचा के घर से सटे जमीन पर करीब तीन फीट गहरा गड्ढा खोद दिया है. जिसकी वजह से सटे दोनों मकानों का लिंटर बाहर से ही दिखने लगा है. अगर जल्द ही गड्ढों को नहीं भरा गया तो मुंदीचक जैसे हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जमींदोज होते घर ले रही है लोगों की जान. चार माह पहले ही जनवरी में मुंदीचक स्थित आर बाखला गली में बगल में बन रहे मकान के लिए खोदे गए गड्ढे की वजह से एक दो मंजिली इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गयी थी. घटना में मकान में रहने वाले गोविंद शर्मा की पत्नी किरण देवी की मौत हो गयी थी.
मामले में जमीन के मालिक, बिल्डर समेत जेसीबी चालक के विरूद्ध गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें पुलिस द्वारा न तो अबतक किसी की भी गिरफ्तारी हुई और न ही प्रशासन द्वारा पीड़ित को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया. विगत वर्ष 2017 के अप्रैल माह में ही बरारी हाउसिंग कॉलोनी स्थित सेक्टर चार में एक मकान का छत गिरने से मलबे में दबकर राजू साह की छह वर्षीय बेटी कविता की मौत हो गई थी. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा हाउसिंग कॉलोनी के जर्जर मकानों के विरूद्ध कोई ठोंस कार्रवाई नहीं की गयी.