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पुलिस के प्रशिक्षित कुत्ते पेट्रोल के बीच खोज लेंगे शराब, एडीजी ने दी जानकारी

भागलपुर : दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी कर बिहार लाना अब आसान नहीं होगा. बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में शामिल कुत्ते आने वाले समय में शराब तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगा देंगे. कुत्ते का प्रशिक्षण जारी है. प्रशिक्षण स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर कोई वाहन […]

भागलपुर : दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी कर बिहार लाना अब आसान नहीं होगा. बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में शामिल कुत्ते आने वाले समय में शराब तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगा देंगे. कुत्ते का प्रशिक्षण जारी है. प्रशिक्षण स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर कोई वाहन के पेट्रोल टंकी में शराब की बोतल लेकर बिहार आने का प्रयास करेगा, तो इसे यह पकड़ लेगा.

उक्त जानकारी रविवार को श्वान दस्ते का निरीक्षण करने पहुंचे सीआइडी एडीजी विनय कुमार ने दी. इन्होंने कहा खास तौर पर अल्कोहल और नारकोटिक पदार्थ को पकड़ने का प्रशिक्षण कुत्ते को दिया जा रहा है. छह माह के प्रशिक्षण के बाद यह अपने काम में माहिर हो जायेंगे.

शराब बंदी के बाद शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस व उत्पाद विभाग लगी है. लाख प्रयास के बाद भी शराब तस्कर नये-नये उपाय के साथ तस्करी में सफल हो रहे हैं. इसको देखते हुए अब प्रशिक्षित कुत्ते के सहारे सरकार तस्करी पर लगाम लगाने जा रही है. कुत्ते को उन जगहों पर तैनात किया जायेगा, जहां से शराब की तस्करी की सूचना ज्यादा आती है.
यह सीमा के अंदर आने वाले हर भारी और हल्के वाहनों की तलाशी लेंगे. साथ ही यह इशारा से बता देंगे की वाहन में शराब मौजूद है. शराब को वाहन से निकालने का काम बिहार पुलिस या उत्पाद विभाग के अधिकारी और पुलिस के जवान करेंगे.
उच्च कोटि का होगा प्रशिक्षण, बच नहीं सकेंगे तस्कर: श्वान दस्ते के कुत्ते का प्रशिक्षण उच्च कोटि का होगा. शराब तस्कर कभी पेट्रोल टंकी के अंदर, तो कभी बालू से लदे ट्रक के बीच में शराब की बोतल लेकर बिहार की सीमा काे पार करने में सफल हो जाते हैं. इससे शराब तस्करी पर अंकुश लगाने में पूरी सफलता नहीं मिल रही है.
इस समस्या का समाधान श्वान दस्ते में तैनात कुत्ते के पास होगा. एडीजी का दावा है आने वाले समय में शराब तस्करी कर बिहार लाना आसान नहीं होगा. तस्करों पर हमारे प्रशिक्षित कुत्ते भारी पड़ने वाले हैं.
अपराधी तक पहुंचाने में माहिर हैं कुत्ते
भागलपुर. सीआइडी के एडीजे विनय कुमार ने कहा कि आने वाले समय में सूबे के हर जिले में श्वान दस्ता स्थापित किया जायेगा. घटना के बाद दूसरे जिले से कुत्ते को लाया जाता है, इससे सभी को परेशानी होती है. कुत्ते अपराधी को साक्ष्य के साथ पकड़ने में कारगर काम करते हैं. कई मामलों को सुलझाने में इसने महत्वपूर्ण काम किया है.
सूबे में साठ कुत्ते हैं. कुत्ते का वजन भागलपुर में बढ़ रहा है. वजन कम करने के लिए आदेश दिया गया है कि प्रशिक्षक लगातार चिकित्सक से संपर्क करें. शहर में होने वाले अपराध में खोजी कुत्ते का सहयोग लेना चाहिए. खास कर चोरी, डकैती, हत्या के मामले में यह काफी हद तक कारगर हैं.

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