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प्रेम-प्रसंग में रजौन कॉलेज के छात्र ने भीखनपुर में कर ली आत्महत्या
भागलपुर : ईशाकचक थाना के भीखनपुर गुमटी नंबर एक के समीप शनिवार को रजौन कॉलेज का छात्र ऋषिकेश दर्शन ने खुद को फांसी से लटका लिया. घटना के करीब चार घंटे बाद पुलिस ने पंखे के रॉड से लटक रहे ऋषिकेश का शव कमरे का दरवाजा तोड़ नीचे उतारा. घटना के पीछे पहली नजर में […]
भागलपुर : ईशाकचक थाना के भीखनपुर गुमटी नंबर एक के समीप शनिवार को रजौन कॉलेज का छात्र ऋषिकेश दर्शन ने खुद को फांसी से लटका लिया. घटना के करीब चार घंटे बाद पुलिस ने पंखे के रॉड से लटक रहे ऋषिकेश का शव कमरे का दरवाजा तोड़ नीचे उतारा. घटना के पीछे पहली नजर में प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है.
रजौन थाना अंतर्गत महेशचंद गांव निवासी दिनेश कुमार सिंह का पुत्र ऋषिकेश पिछले तीन माह से दिलीप कुमार सिंह के मकान में किराये पर रह रहा था. घटना की सूचना पर ऋषिकेश के परिजन रजौन से आये. ऋषिकेश के चाचा नवगछिया में दारोगा है.
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को गांव से यहां आया था. घर में किसी तरह की परेशानी के बारे में उसने कभी कुछ नहीं कहा. रजौन काॅलेज में पार्ट टू का छात्र था. भागलपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. दो भाई और एक बहन में ऋषिकेश छोटा है.
पुलिस ने घटना स्थल से ऋषिकेश का दो मोबाइल फोन बरामद किया है. शव के पास से सुसाइट नोट बरामद नहीं हुआ है. घटना की सूचना पर तीन लड़की ऋषिकेश को देखने शाम को आयी थी. वहीं पुलिस ने बताया इसके मोबाइल पर लगातार एक लड़की का फोन आ रहा था. वह बार बार ऋषिकेश के बारे में पूछ रही थी. जब उसके बारे में पूछा गया तो इसने फोन रख दिया. लेकिन वो बार बार फोन कर रही थी.
वहीं, जिस कमरे में ऋषिकेश ने खुद को गमछे के सहारे रॉड से लटकाया वह छोटा सा कमरा है. छत इतनी ऊंची नहीं है कि कोई भी आराम से आत्महत्या कर ले. इसके साथ बगल के कमरे में रहने वाले छात्रों ने बताया सुबह ग्यारह बजे ऋषिकेश पानी का बाल्टी अपने कमरे में गया था. इसके बाद हमारी इससे बात नहीं हुई. वो अपने कमरे में था और हम लोग अपने अपने काम में लग गये.
देर शाम तक जब ऋषिकेश के कमरे का दरवाजा और खिड़की बंद दिखा तो शक हुआ. मकान मालिक को सूचना दी गयी. इसके बाद पुलिस को खबर की गयी. ऋषिकेश ने दोपहर का खाना बनाया था पर इसे खाया नहीं था.
दूसरी और इशाकचक इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव मामले की जानकारी पर घटना स्थल पहुंचे. कमरे का दरवाजा तोड़ा गया. शव को नीचे उतारा गया. शव के पास से दो मोबाइल जब्त किया गया. ऋषिकेश ने अंतिम कॉल पौने एक बजे के करीब उठाया था. पुलिस की माने तो लाश का पैर सीधा नहीं था. छत की ऊंचाई भी इतनी नहीं है कि कोई इससे लटक कर मर सके.
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