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बड़बोले चारोंखाने चित, भोलानाथ की दुर्दशा जस की तस
भागलपुर : भोलानाथ फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर एक समय में सियासत गर्म थी. क्रेडिट लेने की होड़ मची थी. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तो नेताओं के बयान के तीर चल रहे थे. मालदा रेल डिवीजन से अभी तक नक्शा पास नहीं हुआ है. लिहाजा, शहर को दक्षिणी क्षेत्र से जोड़ने के […]
भागलपुर : भोलानाथ फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर एक समय में सियासत गर्म थी. क्रेडिट लेने की होड़ मची थी. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तो नेताओं के बयान के तीर चल रहे थे. मालदा रेल डिवीजन से अभी तक नक्शा पास नहीं हुआ है. लिहाजा, शहर को दक्षिणी क्षेत्र से जोड़ने के लिए ब्रिज का निर्माण अभी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है.
यह देख नेताओं ने खुद कर सरेंडर कर दिया है. बड़बोले चारों खाने चित हुए हैं. भोलानाथ पुल की स्थित जस की तस है. पुल के नीचे सालों भर जलजमाव की समस्या रहती है. बरसात में यह समस्या और गंभीर हो जाती है. इससे शहर के दक्षिण में बसे लोग सबसे अधिक परेशान है.
सारा दिन यहां छोटे जगह से वाहनों के गुजरने से जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे लोगों को घटों जाम में खड़ा रहना पड़ता है. इससे व्यापार भी प्रभावित होता है. प्रतिदिन जाम से जूझना पड़ता है. फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण के बाद ही दक्षिणी क्षेत्र के तीन लाख लोगों को राहत मिलेगी. जलजमाव की समस्या को झेलना नहीं पड़ेगा. आवागमन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
डिक्शन मोड़ व भीखनपुर चौक की कम चौड़ी सड़क खड़ी कर रही परेशानी
पुल निर्माण निगम के अधिकारियों के अनुसार मिरजानहाट शीतला स्थान से भीखनुपर गुमटी नंबर दो के बीच 1110 मीटर फ्लाई ओवर का निर्माण होगा.
मिरजानहाट शीतला स्थान से डिक्शन चौक के बीच 50-55 फीट चौड़ीकरण है. डिक्शन मोड़ और भीखनपुर चौक के बीच कहीं 40 तो कहीं 35 फीट चौड़ाई है. फ्लाई ओवर भीखनपुर चौक से 25-30 मीटर पहले गिराया जायेगा. जिस जगह फ्लाई ओवर गिराया जायेगा वहां भी 35 फीट चौड़ाई है, जबकि कम से कम 50-60 फीट जगह की जरूरत है.
नक्शे की मंजूरी के बाद एस्टिमेट रिवाइज
नक्शे की मंजूरी के बाद दूसरी बार एस्टिमेट रिवाइज होगा. इससे पहले साल 2016 में एस्टिमेट रिवाइज हो चुका है. एस्टिमेट 2009 में बना था. तब इसकी लागत लगभग 34 करोड़ थी. रिवीजन के बाद एस्टिमेट 64 करोड़ हो गया. अब जो एस्टिमेट रिवाइज होगा, उसकी लागत 100 करोड़ से ज्यादा हो जायेगी.
रेलवे से नक्शे को मंजूरी नहीं मिल रही. लगातार हमारे कार्यपालक अभियंता मालदा रेल मंडल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. अभियंता को कहा जायेगा कि फिर मालदा जाकर नक्शे को पास कराने की कोशिश करे.
उत्तम कुमार, डिप्टी चीफ इंजीनियर(साउथ बिहार), पुल निर्माण निगम, पटना
मिरजानहाट शीतला स्थान चौक से भीखनुपर के बीच प्रस्तावित फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण का मामला नौ साल से अटका है. हाल के दो साल से अपनायी जा रही प्रक्रिया में तेजी आयी है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तो प्रक्रिया और तेज हो गयी है. पुल निर्माण निगम ने दो माह पहले रेलवे के निर्देशानुसार नक्शा को सुधार कर पूर्व रेलवे को सौंपा है, लेकिन रेलवे से नक्शे को मंजूरी ही नहीं मिल रही.
इसके पहले भी चार बार नक्शा बनाकर निगम ने रेलवे को दिया था, लेकिन बार-बार बदलाव कर रेलवे द्वारा नक्शा विभाग को लौटा दिया जाता रहा. भोलानाथ पुल पर प्रस्तावित फ्लाई ओवर के निर्माण में पर्याप्त जगह की कमी महसूस की गयी है. कार्य कराने वाला विभाग इसके वैकल्पिक उपाय पर मंथन कर रहा है.
अब तक जो मापी का कार्य हुआ है उसमें उत्तर की दिशा में फ्लाई ओवर के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल रही है. जिससे इस फ्लाई ओवर की चौड़ाई कम हो सकती है. विभाग के अधिकारी पर्याप्त जगह के लिए प्रयास में लगे हैं. यही वजह है कि पुल निर्माण निगम द्वारा रेलवे को संशोधित नक्शा भेजा गया है.
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