संजीव
भागलपुर : ‘कोय सलाइन खोली दे बाबू, …ई बुढ़िया मरी जैते’ यह करुण गुहार थी एक महिला की, वह महिला फर्श पर लेटी अपनी मरीज के साथ बैठ स्लाइन खत्म हो जाने पर नर्सों से लगातार गुहार लगा रही थी. उसके पास से कुछ ही देर में कई नर्सें तो गुजरीं, लेकिन अपनी शिफ्ट खत्म हो जाने की बात कह आगे बढ़ गईं. यह हालात थे, मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड की गली में (इसे फर्श वार्ड भी कह सकते हैं) शाहकुंड के दीनदयालपुर की रहनेवाली बुजुर्ग महिला बाचो देवी फर्श पर लेटी थीं और वहीं उनका इलाज चल रहा था.
बदहवाश वह बमुश्किल करवट तो बदल रही थीं, लेकिन खत्म हो चुकी स्लाइन की निडिल पर लगे खून के धब्बे अब उन्हें दर्द दे जा रहा था. महिला को लगी स्लाइन काफी देर पहले ही खत्म हो चुकी थी. महिला हर गुजरती नर्स को यह कह रही थी कि स्लाइन खोल दे, लेकिन हर नर्स से उन्हें जवाब मिलता कि जिनकी ड्यूटी है, उन्हीं से कहाे. बाचो देवी लकवा से ग्रस्त हैं और सोमवार की सुबह ही भर्ती हुई थीं.
मायागंज स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल. भागलपुर और आसपास के जिले का सबसे बड़ा अस्पताल. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इमरजेंसी वार्ड की गैलरी में फर्श पर इस अस्पताल का दम फूलता नजर आ रहा है. संसाधन पस्त दिख रहा है.
मैंने 100 बेड की इमरजेंसी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है. अब सरकार से जो भी आदेश आयेगा उसके अनुरूप कार्य किया जायेगा.
डॉ. आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
प्रभात खबर की टीम पहुंची नर्स के पास फिर हुआ निदान
आखिरकार जब बाचो देवी के परिजन की लाख चिरौरी के बाद भी कोई नर्स नहीं आई, तो प्रभात खबर की टीम के सदस्य नर्स के पास पहुंचे. फिर नर्स आयीं और खाली हो चुकी स्लाइन को उतारा गया.