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सिविल सर्जन कार्यालय से अगली तिथि नहीं हुई मुकर्रर
भागलपुर : राज्य निर्वाचन आयोग में चल रहे नगर निगम मेयर सह वार्ड-50 की पार्षद सीमा साह के उम्र विवाद की सुनवाई को लेकर सिविल सर्जन स्तर से अगली तिथि मुकर्रर नहीं हो सकी है. इससे पूर्व 31 मार्च को मेडिकल बोर्ड के सामने मेयर अपनी बड़ी बेटी को साथ नहीं आ सकी थी. सदर […]
भागलपुर : राज्य निर्वाचन आयोग में चल रहे नगर निगम मेयर सह वार्ड-50 की पार्षद सीमा साह के उम्र विवाद की सुनवाई को लेकर सिविल सर्जन स्तर से अगली तिथि मुकर्रर नहीं हो सकी है. इससे पूर्व 31 मार्च को मेडिकल बोर्ड के सामने मेयर अपनी बड़ी बेटी को साथ नहीं आ सकी थी. सदर अस्पताल में बोर्ड द्वारा बड़ी बेटी के उम्र का सत्यापन करना है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, सिविलसर्जन की तय तिथि के आधार पर जिलाधिकारी के माध्यम से दोबारा मेयर को नोटिस के माध्यम से जानकारी दी जायेगी. बता दें कि आयोग के निर्देश पर 23 मार्च को सिविल सर्जन को मेडिकल बोर्ड गठन करने के निर्देश दिये थे. जिसको लेकर सिविल सर्जन ने मामले में कार्रवाई की.
एक अन्य नगर पार्षद अभिषेक मामले पर भी फैसला सुरक्षित : डीएम स्तर से एक अन्य नगर पार्षद अभिषेक के मामले में फैसला सुरक्षित है. वार्ड-13 पार्षद अभिषेक पर आरोप परबत्ती के रंजीत कुमार ने लगाया है. रंजीत कुमार ने शिकायत दी कि उन्होंने शपथ पत्र में अपनी जन्मतिथि 15 अप्रैल 1990 लिखी है, जबकि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में उनकी जन्मतिथि पांच फरवरी 1996 है. इस बारे में राज्य निर्वाचन आयोग ने डीएम को सुनवाई करके अंतिम निर्णय करने का निर्देश दिया था.
यह था मामला
प्रीति शेखर ने आयोग से सीमा साहा के उम्र से संबंधित गलत जानकारी देने की शिकायत दी थी. शपथ-पत्र में सीमा ने जन्मतिथि 5 फरवरी 1989 बताया. दूसरे शपथ-पत्र में अपनी बड़ी बेटी का जन्म 1 फरवरी 2004 कहा. दोनों ही शपथ-पत्र में बड़ी बेटी काजल आनंद का इंटरमीडिएट अंक पत्र में जन्मतिथि 30 जुलाई 1997 बतायी. प्रीति शेखर ने सीमा पर केस गलत जानकारी देने का केस दर्ज कराया था.
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