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बिहार : बाढ़ राहत राशि घोटाले में सबौर के सीओ धराये, 26 लाख रुपये गबन के मामले में हैं आरोपित

सबौर/नवगछिया : प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने एनएच 80 पर पुलिस जीप रुकी. दो पदाधिकारी व आधा दर्जन भारी भरकम फोर्स दिन के 3.30 बजे उतरा. कुछ दूर फोर्स साथ आया फिर दो पदाधिकारी अंचल कार्यालय में प्रवेश किये. सीओ तरुण कुमार केसरी के चेम्बर में जाते ही कुछ लोग वहां बैठे थे. पुलिस ने […]

सबौर/नवगछिया : प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने एनएच 80 पर पुलिस जीप रुकी. दो पदाधिकारी व आधा दर्जन भारी भरकम फोर्स दिन के 3.30 बजे उतरा. कुछ दूर फोर्स साथ आया फिर दो पदाधिकारी अंचल कार्यालय में प्रवेश किये. सीओ तरुण कुमार केसरी के चेम्बर में जाते ही कुछ लोग वहां बैठे थे. पुलिस ने सबको बाहर जाने की बात कही.
पुलिस ने सीओ को पांच मिनट चेंबर से बाहर निकलने को कहा. 3.52 पर सीओ के चेंबर से बाहर आते ही पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में लिया और मुजरिम की तरह बांह में हाथ लगाये कुछ दूर ले गयी, फिर सीओ स्वत: जाने लगे. एनएच पर पुलिस गाड़ी खड़ी थी. सीओ को बैठाया और 3.57 पर चलते बने.
लोग रह गये स्तब्ध : उपस्थित लोग कुछ समझ पाते तब तक गिरफ्तारी हो चुकी थी. लोग स्तब्ध रह गये. दो वर्ष पहले बाढ़ राशि निकालने में हुई अनियमितता में सीओ आरोपित हैं. वह उस वक्त गंगा उस पार के सीओ थे. तकरीबन 26 लाख रुपया के गबन का मामला है.
हालांकि सीओ प्राथमिकी अभियुक्त नहीं हैं, लेकिन पुलिस अपने अनुसंधान में उनकी संलिप्तता पायी है. उन पर वारंट था, जिसके आलोक में गिरफ्तारी हुई है. 16 अप्रैल को उक्त केस की तारीख है. संभव है सीओ को सोमवार को जमानत मिल जाये. इस संदर्भ में सीओ पहले ही यह बता चुके हैं कि उनकी संलिप्तता लेस मात्र इसमें नहीं हैं. पुलिस ने फंसाया है.
बहरहाल सच और झूठ का फैसला, तो न्यायालय करेगा.
नाजिर की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ता ने चेक पर 1,84,000 के आगे 2 का अंक लगाकर बना दिया 21,84,000 : गिरफ्तारी के बाद रंगरा पुलिस उन्हें रंगरा थाना ले गयी.
पूछताछ के बाद उन्हें नवगछिया स्थित अपर न्यायिक दंडाधिकारी (तृतीय) संतोष गुप्ता के न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस टीम में इस केस के अनुसंधानकर्ता उपेंद्र मुखिया, सहायक अवर निरीक्षक हाकिम साह और आधा दर्जन पुलिस कर्मी थे.
क्या है मामला
रंगरा प्रखंड में पिछले साल आयी बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री चूड़ा, शक्कर आदि आपूर्ति करने का ठेका नवगछिया के किराना व्यवसायी अमित जायसवाल को दिया गया था.
अमित जायसवाल ने कुल 1,84,000 रुपये की सामग्री आपूर्ति की थी. इसके लिए अंचल कार्यालय से उसे चेक के माध्यम से भुगतान किया गया था. चेक पर तत्कालीन सीओ तरुण कुमार केसरी ने हस्ताक्षर किया था.
अंचल नाजिर सदानंद तांती की मिलीभगत से अमित जायसवाल ने बड़ी चालाकी से चेक पर 1,84,000 रुपये के आगे 2 का अंक जोड़कर 21,84,000 (इक्कीस लाख चौरासी हजार) रुपये बना दिया. इसके बाद फर्जी तरीके से बैंक से भुगतान प्राप्त कर राशि अपने खाते में हस्तांतरित करा ली.

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