भागलपुर : भागलपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) को स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए सचिवालय स्तर से कुल 11 पदों के सृजन की स्वीकृति भी दे दी गई है.
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फॉरेंसिक लैब में उत्पाद समेत साइबर मामलों की भी जांच
भागलपुर : भागलपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) को स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए सचिवालय स्तर से कुल 11 पदों के सृजन की स्वीकृति भी दे दी गई है. यही नहीं भागलपुर समेत पटना और मुजफ्फरपुर में एफएसएल युनिट में ही उत्पाद अधिनियम से संबंधित नमूनों की जांच […]
यही नहीं भागलपुर समेत पटना और मुजफ्फरपुर में एफएसएल युनिट में ही उत्पाद अधिनियम से संबंधित नमूनों की जांच की जाएगी. साथ ही साइबर क्राइम युनिट की भी स्थापना करने को लेकर अनुमति मिल चुकी है. बता दें कि एक फरवरी को भागलपुर पहुंचे सीआइडी के आइजी अजिताभ कुमार एफएसएल प्रयोगशाला की स्थापना और संभावना के संबंध में भागलपुर पहुंचे थे.
गृह विभाग की ओर से सरकार के उप सचिव दुर्गेश कुमार पांडेय ने इस संबंध में बिहार के महालेखागार को पत्र जारी कर स्वीकृत पदों से संबंधित कार्रवाई करने को कहा है. जारी किये गये पत्र के अनुसार भागलपुर फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में स्थापित होने वाले साइबर क्राइम यूनिट में सहायक निदेशक के 3 पद, वरीय वैज्ञानिक सहायक के 4 पद और प्रयोगशाला वाहक के लिए 2 पदों को स्वीकृति दी है. फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में उत्पाद अधिनियम संबंधित मुकदमों के जांच के लिए भागलपुर में यूनिट में दो पदों को स्वीकृति दी गयी है.
भागलपुर में उत्पाद अधिनियम की जांच के लिए एफएसएल में 2 और साइबर क्राइम युनिट के लिए 9 पद सृजित
विगत 20 मार्च को पटना में आयोजित मंत्रीपरिषद की बैठक में मिली थी पदों के सृजन की स्वीकृति
अभी पटना में होती है एफएसएल जांच
बता दें कि जहां भागलपुर में लिए जानेवाले नमूनों की एफएसएल जांच के लिए एफएसएल (फॉरेंसिक) पटना भेजा जाता है. वहीं राज्य के लिए गये नमूनों की जांच भी पटना स्थित यूनिट में ही होती है. इससे एफएसएल रिपोर्ट के आने में देरी होती है. पुलिस के आधुनिकीकरण के दौर में बिहार सरकार ने भी पटना के अलावा भागलपुर और मुजफ्फरपुर में एफएसएल यूनिट स्थापना का फैसला लिया है.
एफएसएल भवन निर्माण के लिए विभाग की ओर से चार करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गयी थी. भागलपुर में एक यूनिट के रहने और घटनास्थल से नमूनों को एकत्रित करने के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था पूर्व से ही है. इसकी जांच के लिए नमूनों को पटना स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाता है.
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