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असामान्य रही सामान्य बोर्ड की बैठक, दिन भर हंगामा, नारेबाजी, बहिष्कार, फिर जैसे-तैसे हुई बैठक

भागलपुर : निगम के मिनी सभागार में बुधवार को सामान्य बोर्ड की बैठक एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप व हंगामे की भेंट चढ़ गयी. पुराने निर्देश पर शुरू में सवाल-जवाब तो हुआ, मगर बाद में जो हुआ, वह निश्चित तौर पर विकास के मुद्दे से बैठक को भटकाने वाला रहा. इस हंगामे के बीज एक हप्ता […]

भागलपुर : निगम के मिनी सभागार में बुधवार को सामान्य बोर्ड की बैठक एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप व हंगामे की भेंट चढ़ गयी. पुराने निर्देश पर शुरू में सवाल-जवाब तो हुआ, मगर बाद में जो हुआ, वह निश्चित तौर पर विकास के मुद्दे से बैठक को भटकाने वाला रहा. इस हंगामे के बीज एक हप्ता पहले ही पड़ चुके थे. मेयर, नगर आयुक्त व कर्मियों के बीच कई दिनों से चल रहा विवाद हंगामे का आधार बना. इसकी बानगी दिखी, जब बैठक में सफाई का मुद्दा उठा. इस दौरान मेयर के तेवर तल्ख थे,

उन्होंने सफाई में गड़बड़ी की बात कही और नगर आयुक्त के संबंध में तू-तड़ाक की भाषा इस्तेमाल की और इसी के साथ रिपोर्ट पर बात करने के बजाय चर्चा ने नया मोड़ ले लिया. बैठक में मौजूद वरीय पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधि के सामने निगमकर्मी अपनी भड़ास निकालने के लिए कूद गये. इस हंगामे के कारण बोर्ड की बैठक रोक देनी पड़ी. हंगामा कुछ ऐसा हुआ कि पार्षदों ने भी इस घटना को निगम के इतिहास में काला अध्याय बताया. कई पार्षदों ने कहा कि बैठक में वह सब कुछ देखने को मिला,

जो आज तक निगम में देखने को नहीं मिला था. सुबह से शांम तक सब बटे रहे अलग-अलग : सुबह से ही निगम परिसर में पार्षद, कर्मचारी और अधिकारियों की उपस्थिति होने लगी थी. सुबह से ही कैंपस का माहौल अलग-अलग रहा. सभी अलग-अलग खेमे में बंटे रहे. सुबह ही इस बात का एहसास हो गया था का पूरा दिन हंगामे के बीच गुजरना है.

सुबह 10 से रात आठ तक काम करते हैं, फिर भी यह देखना पड़ेगा : कर्मचारियों की ओर से रखे गये पक्ष के दौरान योजना शाखा प्रभारी आदित्य जायसवाल ने कहा कि 2011 से बोर्ड का काम देख रहे हैंं. सुबह 10 से रात आठ बजे घर जाते हैं. यह आपका और हमारा शहर है, इस तरह के व्यवहार से सात दिनाें से हम कर्मचारी अपने आपको असहज महसूस कर रहे हैं.
5.30 घंटे रहे सब, पर काम की बात महज 3.00 घंटे
मेयर की तू-तू पर भड़के कर्मी, नगर आयुक्त को जबरन ले जाने की कोशिश
मेयर व उनके पति जिप अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी, हड़ताल की धमकी
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
श्मशान घाट स्थित शवदाहगृह के जीर्णोंद्धार के लिए एक करोड़, 34 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं
श्मशान घाट में निगम का दो कमरे का कार्यालय बनेगा, कर्मी नियुक्त किये जायेंगे. शव जलाने के रेट तय किये जायेंगे. बैठक में चर्चा हुई कि पांच सौ रुपये का रेट तय किया जाये
डंपिंग यार्ड को लेकर चर्चा
लोहापट्टी से वेराइटी चौक सड़क को स्मार्ट सिटी सड़क में शामिल किया जायेगा
वृद्धा आश्रम में व्यवस्था को लेकर दी गयी जिम्मेदारी
स्वाभिमान व सम्मान सबके लिए एक है : डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि स्वाभिमान और सम्मान सबके लिए एक है. विकास के मुद्दे पर सबको एकजुट होकर काम करना होगा. सदन के दो मुखिया मेयर और नगर आयुक्त के बीच अगर तालमेल नहीं है, तो विकास का कार्य धरातल पर उतर नहीं पायेगा. कर्मचारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेयर के पति जिप अध्यक्ष टुनटुन साह के व्यवहार से आप दुखी हैं, तो इस बात को आपको मेयर के समक्ष भी रखना चाहिए. डिप्टी मेयर ने कहा कि जिप अध्यक्ष को सफाई के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन कोई इसे राजनीतिक मोड़ नहीं दे. हर दिन हमें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ता है. हमारी परेशानी भी समझें.
किसी ने नहीं उठाया शहर की समस्या को
शहर में गंदगी फैली हुई है. सड़क पर नाले का पानी बह रहा है. मच्छर का प्रकाेप है. सामान्य बोर्ड की बैठक के दौरान एक कमरे में कर्मचारी से लेकर अधिकारी और पार्षद तक बैठे थे, पर किसी ने इससे संबंधित कोई सवाल नहीं उठाया. यह सही है कि सामान्य बोर्ड की बैठक में पूर्व के तय मामलों पर ही रजामंदी देनी थी, पर एक साथ सभी माननीयों और जवाबदेहों के जमावड़े के बीच इसकी चर्चा का नहीं होना अजीब रहा.
अलग-थलग पड़ीं मेयर
सुबह से शाम तक निगम परिसर में मेयर अलग-थलग पड़ी दिखीं. उनके खिलाफ कर्मचारी चिल्लाते रहे, वो खुद भी सब पर गरतीं-बरसतीं रहीं, पर किसी भी पार्षद ने उनका साथ नहीं दिया. सब चुपचाप देखते रहे.
यह रहे पार्षदों के बोल
पार्षद हंसल सिंह ने कहा कि सबकी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गयी. जो हुआ अच्छा नहीं हुआ है. मेयर काे भी सदन की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए और कर्मचारियों को भी. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त आइएएस हैं, उनके साथ भाषा का संयमित उपयोग होना चाहिए. अगर मेयर निरीक्षण करने जाती हैं, तो उस वार्ड के पार्षद को भी सूचित करना चाहिए.
पूर्व डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर ने कहा कि मेयर का निरीक्षण करना जायज है, लेकिन उनके सहयोगियों द्वारा किसी भी कर्मचारी से दुर्व्यवहार करना गलत है.
पार्षद पंकज कुमार ने कहा कि मामले को आपस में बैठ कर सुलझा लेना चाहिए और शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए.
पार्षद उमर चांद ने कहा कि सदन की गरिमा तार-तार हो गयी.
पार्षद सदानंद चौरसिया ने कहा कि जो हुआ सही नहीं हुआ, सबको शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए. पार्षदों ने कहा कि सफाई के लिए कमेटी का गठन करना चाहिए.

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