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वाणिज्य-कर विभाग के सभाकक्ष में ई-वे बिल पर सेमिनार का आयोजन,

उद्योपतियों को तकनीकी बारीकियों से कराया गया अवगत भागलपुर : जीएसटी के बाद व्यापार के लिए ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया है. इसके बगैर कोई भी कारोबार करना मुश्किल होगा. ई-वे बिल भविष्य की टेक्नोलॉजी है, इससे बैरियर खत्म होंगे. यानी, पहली अप्रैल से रोड परमिट की व्यवस्था खत्म हो रही है. इसलिए ई वे […]

उद्योपतियों को तकनीकी बारीकियों से कराया गया अवगत

भागलपुर : जीएसटी के बाद व्यापार के लिए ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया है. इसके बगैर कोई भी कारोबार करना मुश्किल होगा. ई-वे बिल भविष्य की टेक्नोलॉजी है, इससे बैरियर खत्म होंगे. यानी, पहली अप्रैल से रोड परमिट की व्यवस्था खत्म हो रही है. इसलिए ई वे बिल को आदत में लाइये. यह बात वाणिज्य-कर विभाग के पटना मुख्यालय से आये अधिकारियों ने आयोजित सेमिनार में दी. उन्होंने ई-वे बिल पर उद्योपतियों को तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया. वाणिज्य-कर विभाग के सभाकक्ष में शुक्रवार काे ई-वे बिल पर सेमिनार का
आयोजन किया गया. इसमें भागलपुर के प्रमुख व्यापारियों, चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं, लेखापालों, चार्टर्ड एकाउंटेंट आदि ने भाग लिया. उन्हें जीएसटी के बदले नियमों की जानकारी दी गयी. सेमिनार में उद्योगपतियों को बताया गया कि ऐसा नहीं होने पर जीएसटी एक्ट के तहत पेनाल्टी जमा करना होगा. सेमिनार में मुख्यालय के उपायुक्त शिवेन कुमार, सीटीओ देवानंद व मुकेश कुमार ने मौजूद लोगों के सवालों का जवाब दिया. अधिकारियों ने बताया कि ई-वे बिल इलेक्ट्राॅनिक्स रोड परमिट है. यह विभागीय पोर्टल पर या एमएमएस व मोबाइल एप के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगी.
इस बिल के लागू होने के बाद दूसरे राज्यों में माल लाने और ले जाने में आसानी होगी. साथ ही अब अलग-अलग परमिट की जरूरत भी नहीं होगी. बल्कि पूरे देश में एक ई-वे बिल मान्य होगा. रेलवे या हवाई जहाज से माल मंगाने या भेजने पर डिलिवरी के समय ई-वे बिल जरूरी है. बस से माल मंगाने पर भेजने व पाने वाले ही ई-वे बिल के जिम्मेवार हैं. 50 हजार रुपये से कम के मालों पर भी ई-वे बिल बनाया जा सकता है. संयुक्त आयुक्त रामाधार सिंह, उपायुक्त (आईबी) जयशंकर सिंह आदि ने भी उद्योपतियों को इ-वे बिल से अवगत कराया. सेमिनार में अशोक भिवानीवाला, रमण साह, विमल केडिया, गोपाल खेतरीवाल, अमर गोयनका आदि कारोबारी उपस्थित थे.
ई-वे बिल के लिए पोर्टल पर अंकित करना होगा जीएसटी नंबर
सेमिनार में उद्योगपतियों को बताया गया कि ई-वे बिल के लिए पोर्टल पर जीएसटी नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आयेगा. निबंधित व्यक्ति अपना यूजर आईडी व पासवर्ड बना सकेगा. ट्रांसपोर्टर, कुरियर व ई-कॉमर्स ऑपरेटर, जॉब वर्कर, सप्लायर आदि भी ऑनलाइन ई-वे बिल बना सकेंगे. ई-वे बिल में 8 सूचनाएं अनिवार्य रूप से भरी जायेगी.100 किलोमीटर दूरी तक के लिए ई-वे बिल की वेलिडिटी एक दिन है.
एक्सीडेंट होने की सूरत में क्या होगा
जिस वाहन से सामान एक से दूसरे राज्य में पहुंचाया जा रहा है, यदि वह किसी हादसे का शिकार होता है तो इस सूरत में आपको सामान दूसरे व्हीकल में ट्रांसफर करने के बाद नया बिल जेनरेट करना होगा.
अब पांच अप्रैल से जमा होगा राशन कार्ड के लिए आवेदन
दलालों से रहें सावधान, सभी के लिये जायेंगे आवेदन
सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुहर्ष भगत ने बताया कि सभी पात्र का राशन कार्ड आवेदन लिया जायेगा. इस आवेदन को लेकर किसी भी दलाल का सहयोग नहीं लें. आवेदन होने के बाद कमेटी से जांच होगी, तब जाकर उनका कार्ड बनेगा. अगर कोई दलाल राशन कार्ड बनाने का दावा कर रहा है तो वह गलत है. ऐसे दलाल के बारे में अनुमंडल कार्यालय में कोई सूचना दे सकते हैं. उनकी लिखित सूचना पर कार्रवाई होगी.

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