नवजात की मौत. शुक्रवार की शाम भर्ती हुई थी अझुला देवी
Advertisement
सर्जरी के बाद हुआ था प्रसव
नवजात की मौत. शुक्रवार की शाम भर्ती हुई थी अझुला देवी भागलपुर : अझुला देवी को एक बेटा व दो बेटी पहले से ही है. अझुला देवी सात माह की गर्भवती थी. उसे शुक्रवार की शाम भर्ती कराया गया. डॉ पूनम कुमारी ने उसका ऑपरेशन किया, जहां उसे प्री मेच्योर जुड़वा बच्चे पैदा हुए. बकौल […]
भागलपुर : अझुला देवी को एक बेटा व दो बेटी पहले से ही है. अझुला देवी सात माह की गर्भवती थी. उसे शुक्रवार की शाम भर्ती कराया गया. डॉ पूनम कुमारी ने उसका ऑपरेशन किया, जहां उसे प्री मेच्योर जुड़वा बच्चे पैदा हुए. बकौल डॉ पूनम, दोनों बच्चों को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिए परिजनों से कहा गया. यहां पर मौजूद अझुला देवी की भाभी शोभा देवी निवासी बसट्ठा जिला मधेपुरा व उसकी गाेतनी रिंकू देवी एवं चंदेश्वर यादव मौजूद थे. बकौल चंदेश्वर यादव, वह अपनी पत्नी के लिए खून लेने के लिए रिंकू देवी के साथ ब्लड बैंक गया था. कुछ देर बाद शोभा देवी उसके दोनों नवजात बच्चों को लेकर इमरजेंसी वार्ड की ओर गयी.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वह दोनों नवजातों को गोद में लेकर शुक्रवार की शाम करीब साढ़े सात बजे इमरजेंसी की गैलरी में बने एक खिड़की के पास पहुंची और दोनों नवजातों को खिड़की के बाहर पांच फीट नीचे फेंक दिया.
कहीं बेटा न होने की जलन ने तो नहीं ले ली मासूमों की जान
नवजातों को फेंकने वाली शोभा देवी को भले ही उसके परिजन मानसिक रोगी बता रहे हों. लेकिन, बच्चों की जान लेने के पीछे एक बड़ा कारण शोभा को बेटा न होना बताया जा रहा है. शोभा ने खुद ही बताया कि उसकी एक ही बेटी चंद्रिका (18) है, जिसकी शादी हो चुकी है.
लोगों ने कहा यही है इमरजेंसी और मासूमों को खिड़की में डाल दिया : शोभा देवी
दोनों बच्चों को मारने की आरोपित शोभा देवी ने बताया कि उसे नहीं मालूम था कि इमरजेंसी कहां था. वह दोनों नवजातों को लेकर गैलरी में बने खिड़की के पास पहुंची. पूछा तो लोगों ने बताया कि यही इमरजेंसी है. फिर मैंने खिड़की के अंदर दोनों मासूमों को डाल दिया. शोभा देवी ने बताया कि उसकी एक ही बेटी चंद्रिका यादव है, जिसकी शादी हो गयी है.
चल रहा मानसिक रोग का इलाज : रिंकू देवी
आरोपित शाेभा देवी की गाेतनी रिंकू देवी ने बताया कि उसकी बहन शोभा देवी मानसिक रोगी है. उसका इलाज पूर्णिया के एक डॉक्टर के पास हो रहा है. वह चंदेश्वर के साथ खून लेने के लिए गयी थी. न जाने क्यूं डॉक्टर ने उसकी पागल बहन के हाथ में दोनों नवजातों को सौंप दिया.
इलाज के लिए ले जाते वक्त नवजात थे जिंदा : डॉ शाइमा
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में तैनात डाॅ शाइमा ने बताया कि जब दोनों नवजातों को लेकर शोभा इमरजेंसी के लिए गयी थी. उस वक्त दोनों मासूमों की हालत गंभीर थी, लेकिन जिंदा थे. अझुला देवी ने पूरे गर्भधारण के दौरान एक भी एएनसी (प्रसव पूर्ण जांच-इलाज) नहीं कराया था. हालत बहुत ही गंभीर थी, इसलिए तत्काल ही उसका ऑपरेशन करना पड़ा.
सूचना मिलते ही बरारी पुलिस को सूचना दे दी गयी थी. आगे की कार्रवाई बरारी पुलिस को करनी है. इस घटना को लेकर बरारी पुलिस को आवेदन देने का निर्देश ड्यूटी पर तैनात पीओडी को दिया गया है.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
मामले को लेकर हॉस्पिटल की तरफ से आवेदन का इंतजार है. किसी भी डॉक्टर ने अभी तक कोई लिखित आवेदन नहीं दिया. आरोपित महिला को फिलहाल हिरासत में ले लिया गया है.
रोहित कुमार सिंह, थानाध्यक्ष, बरारी
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement