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पीडीएमसी कर्मियों को नहीं बुलाया बैठक में

भागलपुर : बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में स्मार्ट सिटी योजना को तैयार करने वाली पीडीएमसी को बैठक के बाहर ही रखा गया था. स्मार्ट सिटी के सीइओ सहित कई कर्मी देर रात तक फाइल को तैयार करने में लगे हुए थे. सुबह चार बजे तक फाइल तैयार की गयी थी. कार्य गति धीमी : […]

भागलपुर : बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में स्मार्ट सिटी योजना को तैयार करने वाली पीडीएमसी को बैठक के बाहर ही रखा गया था. स्मार्ट सिटी के सीइओ सहित कई कर्मी देर रात तक फाइल को तैयार करने में लगे हुए थे. सुबह चार बजे तक फाइल तैयार की गयी थी.
कार्य गति धीमी : मेयर
मेयर सीमा साहा ने भी कहा कि स्मार्ट सिटी के कार्य में कोई तेजी नहीं आयी है. इस कार्य में तेजी लाना चाहिए. स्मार्ट सिटी के प्रधान सचिव को लिखा पत्र . डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने स्मार्ट सिटी के कार्य में प्रगति नहीं होने को लेकर स्मार्ट सिटी के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. डिप्टी मेयर ने कहा कि वह अगले सप्ताह दिल्ली जाकर स्मार्ट सिटी के प्रधान सचिव से मुलाकात भी करेंगे.
प्रश्न : स्मार्ट सिटी के काम में कोई प्रगति क्यों नहीं है
उत्तर : पीडीएमसी की लापरवाही के कारण स्मार्ट सिटी योजना का टारगेट पूरा नहीं हुआ. पीडीएमसी द्वारा अभी तक एक भी आरएफपी नहीं मिला. एसपीवी का भी गठन नहीं हुआ
प्रश्न : आगे क्या हैं प्लानिंग
उत्तर : एक माह का समय दिया गया है पीडीएमसी को. पांच योजना का आरएफपी तैयार करना है. नहीं तो टर्मिनेट किया जायेगा.
प्रश्न: अब क्या है रणनीति
उत्तर : पीडीएमसी को स्मार्ट सिटी योजना की आरएफपी एक माह में तैयार करना है. इसको लेकर हर दिन पीडीएमसी के कार्य की निगरानी करनी है.
30 अक्तूबर को देनी थी सिटी प्लान की पहली रिपोर्ट
एक सितंबर 2017 को पीडीएमसी ने स्मार्ट सिटी की योजनाओं पर काम शुरू किया. टाइम लाइन के तहत 30 अक्तूबर को सिटी प्लान की पहली रिपोर्ट पेश करनी थी. लेकिन, पीडीएमसी ने काम नहीं किया.
इस कारण तत्कालीन कंपनी सीइओ सह नगर आयुक्त रोशन कुशवाहा ने नोटिस आॅफ सस्पेंशन ऑफ पेमेंट जारी किया था.
ऑडिट रिपोर्ट की आपत्ति को ले टीम गयी थी जांच करने
स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड की ऑडिट रिपोर्ट में कई तरह की वित्तीय आपत्ति जतायी गयी थी. इस आपत्ति का समय से सुधार नहीं किया गया. इस कारण प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर सचिव सुभाष झा, सदर डीसीएलआर संजय सिन्हा तथा जिला लेखा पदाधिकारी की टीम 13 फरवरी को निगम दफ्तर में गये थे. वहां पर जांच करने की कार्रवाई विवादों में आ गयी थी. यह मामला पटना तक पहुंच गया था, बाद में किसी तरह से मामला शांत हुआ.
काम की प्रगति से पार्षद भी हैं नाराज
स्मार्ट सिटी के चयनित काम की प्रगति से पार्षद भी नाराज हैं. एक भी काम शुरू नहीं होने के मामले पर लगातार पार्षदों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है. उनका आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि स्मार्ट सिटी की योजनाओं की जानकारी से पार्षदों को वंचित रखा जा रहा है.

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