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सड़क निर्माण में अनियमितता पर एक्शन टेकन रिपोर्ट दे सरकार : कोर्ट

पटना/भागलपुर : भागलपुर शहर में एनएच 80 की रोड के निर्माण में की गयी अनियमितता और उसकी निगरानी जांच पर राज्य सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई की जानकारी चार सप्ताह में अदालत को बतायी जाये. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर […]

पटना/भागलपुर : भागलपुर शहर में एनएच 80 की रोड के निर्माण में की गयी अनियमितता और उसकी निगरानी जांच पर राज्य सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई की जानकारी चार सप्ताह में अदालत को बतायी जाये. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को यह निर्देश दिया.
अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि भागलपुर शहर में रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट तक जो सड़क का निर्माण किया गया है उसमें काफी अनियमितता बरती गयी है. शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच का जिम्मा निगरानी विभाग को सौंपा गया था. निगरानी विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी है.
हाईकोर्ट द्वारा सड़कों के निर्माण और उसकी ऊंचाई के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किया गया हैं उसका अनुपालन नहीं की गयी है. निगरानी विभाग की ओर से अदालत को बताया गया इस पूरे मामले की जांच कर उसने रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दिया है. अब उस रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार को ही कार्रवाई करनी है.
पुरानी सड़क उखाड़ कर नयी सड़क बनानी थी लेकिन ऐसा नहीं करने से सड़क ऊंची हो गयी. इस मामले में एनएच के आधा दर्जन से ज्यादा अभियंताओं और कांट्रैक्टर पर कार्रवाई हो सकती है. एनएच-80 के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता लाल मोहन प्रजापति, सहायक अभियंता अजय कुमार पांडेय, कनीय अभियंता विभाकर कुमार समेत विभाग के आठ-नौ लोगों से निगरानी ने पूछताछ की थी. सभी से लिखित बयान भी लिया गया है.
कई काम नहीं हुए थे, फिर भी कर दिया था कांट्रैक्टर को भुगतान
निगरानी की तकनीकी टीम ने पिछले साल जुलाई में पटल बाबू रोड को ऊंचा बनाने व इससे आसपास के घरों में जलजमाव की समस्या एवं सड़क निर्माण की गुणवत्ता समेत कई बिंदुओं की जांच की थी. तकनीकी परीक्षण सेल के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार सिंह ने जेल रोड में सड़क का नमूना भी लिया था. मामले की जांच निगरानी एसपी संजय कुमार ने की थी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि टेंडर में मुंदीचक मोड़ से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच सड़क निर्माण के साथ जेल रोड तक नाला निर्माण भी शामिल था. पटल बाबू रोड ऊंचा बना देने से आसपास के घरों में जलजमाव की समस्या रहती है. दूसरी ओर नाला निर्माण नहीं किया. इसके बावजूद कार्यपालक अभियंता लाल मोहन प्रजापति द्वारा संवेदक को राशि का भुगतान भी कर दिया था.

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