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थानों में महिला फरियादियों के लिए ”इज्जतघर” नहीं
भागलपुर : कहने को केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक खुले में शौच से मुक्ति का राग अलापा जा रहा है. लेकिन इस आधी आबादी को लेकर सरकारी हुक्मरान किस हद तक संवेदनशील हैं, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के किसी भी थाने पर फरियाद के लिए […]
भागलपुर : कहने को केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक खुले में शौच से मुक्ति का राग अलापा जा रहा है. लेकिन इस आधी आबादी को लेकर सरकारी हुक्मरान किस हद तक संवेदनशील हैं, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के किसी भी थाने पर फरियाद के लिए आने वाली आधी आबादी (महिला, किशाेरी व बेटियों) के लिए अलग से इज्जतघर (शौचालय) तक का इंतजाम नहीं है.
इसका परिणाम यह हो रहा है कि फरियाद के लिए आने वाली महिलाओं को निवृत्ति के लिए खुद की सेहत को खतरे में डालना पड़ता है. यहां तक महिला थाना, जिले के आला अधिकारियों के कार्यालय पर भी महिलाओं के लिए अलग से कोई शौचालय नहीं है. जबकि शहर क्षेत्र में महिला थाना, एससी-एसटी थाना समेत 15 थाने हैं,
जहां पर हर रोज फरियाद के लिए सैकड़ों महिलाएं, किशोरीव युवतीअपनी व्यथा सुनाने के लिए आती हैं और अपनी फरियाद सुनाने के लिए घंटों इंतजार करती हैं. जिले की बात की जाये ताे पूरे जिले में 40 थाने हैं. इनमें से किसी के पास भी महिलाओं के लिए अलग से शौचालय का इंतजाम नहीं किया गया है.
जिम्मेदारों की माने तो जिले के 19 वे थाने जहां पर महिला आरक्षी की तैनाती की गयी है, वहां पर उनके लिए शौचालय बनाया गया है. लेकिन वे भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि महिला फरियादियों के लिए अलग से एक भी थाने पर महिला शौचालय की व्यवस्था नहीं की गयी है.
थानों में बने शौचालय भी हैं खराब
शहर के 15 थानों की पड़ताल की गयी तो पता चला कि थानों पर जो शौचालय बने हैं, उनमें से ज्यादातर शौचालय सफाई के अभाव में खुद ही बीमार पड़े हैं.
आदमपुर (जोगसर) थाने में थाने के पीछे दो शौचालय व बगल में यूरिनरी (मूत्रालय) है. इसको देखने के बाद कोई भी हेल्थ कांसेस वाला व्यक्ति यहां जाने से कतरायेगा. कारण यदि इस अवस्था में कोई कर ले तो उसे यूटीआइ (मूत्रनली में संक्रमण) होने से कोई नहीं रोक सकेगा. आदर्श कोतवाली थानाक्षेत्र परिसर में कोतवाली थाना, महिला थाना, यातायात थाना, डीएसपी लाॅ एंड ऑर्डर, डीएसपी सिटी, इंस्पेक्टर अंचल का कार्यालय भी है. यहां पर महिला थाने का दो शौचालय है लेकिन इस पर पहरा (ताला) लगा था.
मतलब साफ, कि यहां पर महिला फरियादियों की नो इंट्री है. आदर्श थाने में महिला शौचालय है. जिम्मेदारों की माने तो यह शौचालय महिला आरक्षियों के लिए रिजर्व है. इंस्पेक्टर अंचल कार्यालय के बगल में दो यूरिनरी है, लेकिन देखने के बाद कोई जाना तो दूर देखना तक गवारा नहीं करेगा. हां थाने परिसर से सटे सुलभ शौचालय है,
जहां पर बिना पैसा दिये किसी भी इंट्री नहीं है. इसके अलावा थाना परिसर में एक दर्जन शाैचालय हैं, जो कि यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए बना है. इसी तरह इशाकचक थाना परिसर में नया शौचालय बना हुआ है लेकिन सोमवार को जब इसकी पड़ताल की गयी ताे यहां के शौचालय में ताला लगा हुआ था. बरारी थाना परिसर में शौचालय बना हुआ है, जिसमें जाने जाने से पहले हाजत में बंद कैदी भी दस बार सोचते हैं
जिले के 19 थानों पर महिला आरक्षी के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था की गयी है, जिसका इस्तेमाल महिला फरियादी कर सकती हैं. बावजूद इसके लिए प्रयास किया जायेगा कि जिले के हर थानों पर महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था हो.
मनोज कुमार, एसएसपी भागलपुर
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