28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मार्च शुरू भी नहीं हुआ और सूखने लगी गंगा

भागलपुर : मार्च का महीना शुरू भी नहीं हुआ है और भागलपुर से सटे गंगा के चार घाटों पर पानी में गंगा के मुख्य धार का पानी नहीं हैं. एक घाट पर पानी में कीचड़ मिलने लगा है. इस कारण इन घाटों पर लोगों ने स्नान बंद कर दिया है. भागलपुर शहर के गंगा के […]

भागलपुर : मार्च का महीना शुरू भी नहीं हुआ है और भागलपुर से सटे गंगा के चार घाटों पर पानी में गंगा के मुख्य धार का पानी नहीं हैं. एक घाट पर पानी में कीचड़ मिलने लगा है. इस कारण इन घाटों पर लोगों ने स्नान बंद कर दिया है. भागलपुर शहर के गंगा के किनारे बसे होने के कारण यहां की बड़ी आबादी गंगा के पानी के भरोसे जीवन चलाती है. नहाने से लेकर अन्य कार्य के लिए सब नदी पर निर्भर हैं. कुछ वर्ष पहले तक गर्मी के कुछ दिनों तक ही पानी की दिक्कत होती थी, पर लोगों का काम चल जाता था. लेकिन, इस बार अभी ही बूढ़ानाथ घाट से लेकर लंच घाट तक गंगा के मुख्य धार के पानी का बहाव नहीं है.

इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर ही मुख्य धार का पानी बचा है. इस कारण लोगों को दिक्कत हो रही है. सनद रहे कि नगर निगम की भी ऐसी व्यवस्था नहीं है कि वह शहर को निर्बाध पानी पिला सके. इस कारण यह चिंता बनी हुई है कि मई-जून में क्या होगा.
क्या है इसका कारण:
पिछले कुछ साल से गंगा की मुख्य धार का पानी दिसंबर के बाद से ही कम होने लगता है और फरवरी में तो स्थिति और खराब हो जाती है. इसका कारण मुख्य धारा का नवगछिया की ओर खिसकना है. मुख्य धारा अब सीधे इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर चली गयी है. इससे बरारी से पश्चिम की ओर गंगा के पानी का बहाव लगभग बंद सा हो गया. इस कारण शहर के कई घाटों पर पानी के सूखने की स्थिति बन गयी है.
तब भरा रहता था पानी:
कुछ साल पहले तक गंगा की मुख्य धारा का पानी सालों भर बूढ़ानाथ घाट, खंजरपुर घाट, खिरनी घाट, विसर्जन घाट, लंच घाट, पुल घाट आदि में आता था. उस समय गंगा की एक ही धारा थी, लेकिन अब छारन निकल जाने से मुख्य धारा का बहाव बरारी की ओर नहीं हो रहा है.
गंगा किनारे रहनेवाले लाेगों को हो रही परेशानी:
गंगा किनारे रहनेवाले लाेगों को गंगा के मुख्य धार का पानी नहीं आने से परेशानी हो रही है. मुख्य धार के पानी रहने से बहुत लोग गंगा के पानी से ही खाना बनाते थे. लेकिन, अब वे इस पानी से न तो खाना बनाते हैं, न ही स्नान ही कर पाते हैं.
क्या कहते हैं लोग:
– मुख्य धार का पानी इस ओर बहुत कम हो गया है. बचपन से गंगा में स्नान करते थे, लेकिन अब पानी पहले जैसा नहीं रहा है. अभी धार का पानी पूरी तरह से नहीं आ रहा है.
नवीन कुमार सिंह, बरारी पुल घाट
– जो मुख्य धार का पानी कुछ साल पहले बरारी की ओर आता था, वह पानी अब कहां आता है. पुल घाट में भी पानी कम हो रहा है. और जो होना चाहिए, वह पानी नहीं आ रहा है.
बमबम, बरारी
– छठ के बाद से ही गंगा में स्नान नहीं करते हैं, क्योंकि इस ओर मुख्य धार का पानी आ ही नहीं रहा है. लंच घाट स्नान करने नहीं जाते हैं. नदी में कीचड़ भी बहुत अधिक है.
प्रमोद कुमार, लंच घाट मार्ग
चार घाटों पर बंद हुआ लोगों का आना
जनजीवन हुआ प्रभावित, मई-जून की सोच परेशान हो रहे लोग
बूढ़ानाथ घाट से लेकर लंच घाट तक गंगा में मुख्य धार के पानी का बहाव नहीं
इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर है मुख्य धार का पानी
नदी के बीच में बालू का छारन आने से पानी आना हुआ बंद
काश यह होता, तो नहीं होती दिक्कत
गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने तथा उसमें हमेशा पानी रहे, इसको लेकर केंद्र सरकार ने नमामि गंगे परियोजना की घोषणा तो की, लेकिन उस परियोजना के तहत यहां कोई काम नहीं हुआ. अगर परियोजना के तहत काम हुआ होता और गंगा में भरपूर पानी रहा होता, तो शायद शहर के इन घाटों पर पानी की कमी नहीं होती.
इन घाटों का लोगों ने बंद किया इस्तेमाल
बूढ़ानाथ घाट व खंजरपुर घाट पर अब लोग स्नान नहीं कर रहे. बरारी लंच घाट में भी इक्के-दुक्के लोग ही पहुंच रहे हैं. यहां पानी के अंदर कीचड़ भर जाने से स्थिति और खराब हो गयी है.
-इन घाटों का…
बरारी पुल घाट पर भी एक बड़े हिस्से में पानी ठहर सा गया है. इस कारण यहां भी गंगा स्नान करनेवालों की संख्या घटी है.
इधर निगम की
व्यवस्था पर भी सवाल
भागलपुर का शहरी भाग 51 वार्डों में बसा है. यहां लोगों को पानी उपलब्ध कराने का काम पैन इंडिया कर रही है. इसके लिए 12 वार्ड में वाटर वर्क्स (जहां गंगा का पानी आता है) से पानी दिया जा रहा है. अन्य वार्डों के 58 डीप बोरिंग हैं. वर्तमान में हालत यह है कि वाटर वर्क्स के लिए चैनल बना कर पानी लाया जा रहा है. और अन्य वार्डों के डीप बोरिंग की स्थिति पूरी तरह ठीक नहीं. बार-बार मोटर जलते हैं, तो कई में बालू आ गया है. इस गरमी व्यवस्था न बिगड़े इसके लिये नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में 19 डीप बोरिंग और हर वार्ड
इधर निगम की…
में एक-एक प्याऊ के निर्माण की योजना बनायी है. बोरिंग के लिए सरकार से स्वीकृति भी मिल गयी है. मार्च में टेंडर कराकर काम शुरू कराने का दावा है निगम के योजना शाखा प्रभारी आदित्य जायसवाल का. दूसरी ओर पैन इंडिया एजेंसी के पास तीन टैंकरों हैं. नगर निगम ने 16 टैंकर देने की बात कही है, लेकिन टैंकर के भाड़ा को लेकर पेंच फंसा हुआ है. ऐसे में अगर अभी से घाटों पर पानी की स्थिति खराब हो जायेगी, तो हालत क्या होगा इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें