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शहर में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप, नहीं होती फॉगिंग
चार में से एक हैंड मशीन खराब भागलपुर : ठंड के कम होने के बाद शहर में मच्छरों की संख्या बढ़ने लगी है. नगर निगम द्वारा फॉगिंग नहीं करवाया जा रहा है. निगम के द्वारा एक माह में पांच दिन भी फॉगिंग नहीं हो रहा है. सबसे बड़ी बात है पांच साल में भी निगम […]
चार में से एक हैंड मशीन खराब
भागलपुर : ठंड के कम होने के बाद शहर में मच्छरों की संख्या बढ़ने लगी है. नगर निगम द्वारा फॉगिंग नहीं करवाया जा रहा है. निगम के द्वारा एक माह में पांच दिन भी फॉगिंग नहीं हो रहा है.
सबसे बड़ी बात है पांच साल में भी निगम के सभी वार्ड के गली-मोहल्ले में फॉगिंग नहीं हो पायी है. मशीन का उपयोग नहीं होने से मशीन खराब हो रही है. चार छोटी और एक बड़ी मशीन में से एक छोटी मशीन खराब है. छोटी मशीन का प्रयोग बहुत कम होता है. बड़ी मशीन से मुख्य मार्ग में छिड़काव किया जाता है. इसमें भी कई जगह नहीं होता है. छोटी मशीन की खरीद वार्ड के गली-मोहल्ले में छिड़काव करने के लिए की गयी थी. लेकिन इसका उपयोग नहीं होता है.
एक घंटे में 60 लीटर डीजल व आठ लीटर पेट्रोल की होती है खपत
फॉगिंग मशीन की खरीद तो कर ली गयी, लेकिन इसे चलाने के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नहीं की गयी.जब चलाना हुआ, आंतरिक संसाधन मद की राशि से मशीन को चलाया जाता है. इन मशीन को चलाने में खर्च भी कम नहीं है. बड़ी मशीन को एक घंटे चलाने में 60 लीटर डीजल और आठ लीटर पेट्रोल खर्च किये जाते हैं. छोटी मशीन को चलाने में पांच लीटर डीजल और दो लीटर पेट्रोल की खपत होती है.
मच्छर मारने के लिए मेलाथियान कीट नाशक दवा का प्रयोग किया जाता है. बड़े फॉगिंग मशीन की कीमत लगभग दो लाख, 60 हजार के करीब है, तो छोटे मशीन की कीमत 56 हजार के लगभग है.
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