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भागलपुर विश्वविद्यालय के गले की फांस बने 19 छात्र

भागलपुर : टीएमबीयू से एजुकेशन विषय में पीएचडी कराने के शिक्षक नहीं है. प्रीपीएचडी परीक्षा में एजुकेशन विषय में 19 छात्र उत्तीर्ण हुए है. विवि के लिए यह छात्र गले की फांस बनते जा रहे हैं. विवि तय नहीं कर पा रहा है कि उन छात्रों का क्या करना है. शनिवार को विवि में रिसर्च […]

भागलपुर : टीएमबीयू से एजुकेशन विषय में पीएचडी कराने के शिक्षक नहीं है. प्रीपीएचडी परीक्षा में एजुकेशन विषय में 19 छात्र उत्तीर्ण हुए है. विवि के लिए यह छात्र गले की फांस बनते जा रहे हैं. विवि तय नहीं कर पा रहा है कि उन छात्रों का क्या करना है. शनिवार को विवि में रिसर्च काउंसिल की बैठक हुई थी. बैठक में एजुकेशन से पास 19 छात्रों के पीएचडी कराने को लेकर गंभीरता पूर्वक विचार किया गया. हालांकि इस दिशा में अबतक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है.
एक साल विलंब से चल रह पीआरटी : विवि में सामान्य कोर्स के साथ-साथ पीआरटी का सत्र भी एक साल विलंब से चल रहा है. विवि तैयारी कर रहा है कि पीएचडी संबंधित सारी प्रक्रिया दिसंबर तक पूरा कर लें. राजभवन का निर्देश है कि पीआरटी की परीक्षा प्रत्येक साल हो.
तीन से अधिक विषयों के शिक्षक करा सकते हैं पीएचडी
पीएचडी के जानकार बताते हैं कि एजुकेशन शिक्षक नहीं है. विकल्प के रूप में भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र व एमएड कर चुके शिक्षकों से पीएचडी कराये जा सकते हैं. एजुकेशन से संबंधित कुछ ऐसे विषय हैं, जो उक्त विषयों के कुछ अध्याय से मेल खाते हैं. विवि के एलाइड विषय वाले शिक्षक पीएचडी कराने में सक्षम हो सकते हैं. यह निर्णय विवि को लेना है.
मेथोडोलॉजी क्लास फरवरी से हो सकता है शुरू
प्रीपीएचडी पास छात्रों का मेथोडोलॉजी क्लास फरवरी से शुरू हो सकता है. छह माह के कोर्स में छात्रों को अनिवार्य रूप से क्लास करना होता है. इसमें छात्रों को थेसिस आदि तैयार करना होता है. इसके बाद ही पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन मान्य होगा.
तलाशे जा रहे हैं विकल्प
कुलपति प्रो नलिनी कांत झा ने बताया किपीएचडी को लेकर पूर्व में क्या होता रहा है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. विवि में एजुकेशन के शिक्षक नहीं है. ऐसे में पीएचडी कराने में दुश्वारी आ रही है. विवि विकल्प तलाश रहा है कि उन 19 छात्रों को कैसे पीएचडी कराया जाये. वरीय शिक्षकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं. शीघ्र ही इस दिशा में निर्णय लिये जायेंगे.

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