भागलपुर : महिंद्रा शोरूम कर्मी को गोली मारकर 10.53 लाख रुपये के लूट मामले की पड़ताल में लगी पुलिस को 24 घंटे में अहम सुराग हाथ लग गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार लूट में शामिल रहे पांचों अपराधियों का नाम-पता पुलिस को मालूम हो गया है. लूट का मास्टरमाइंड समेत दो से तीन लुटेरे लोकल (स्थानीय) हैं, जिनकी लूट की प्लानिंग, गोली मारने से लूटे गये रुपये को ठिकाने लगाने में अहम भागीदारी है. सीसीटीवी के जरिये न केवल लुटेरे चिह्नित कर लिये गये हैं.
बल्कि इनके दबोचने के लिए पुलिस टीम ने काम भी करना शुरू कर दिया है. सर्विलांस के निशाने पर लुटेरों के लोकेशन खंगाली जा रही है. बीते 24 घंटे में तीन थानाक्षेत्रों में करीब आधा दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. लूट के वर्कआउट की मिनट टू मिनट एसएसपी माॅनीटरिंग कर रहे हैं, तो आइजी भागलपुर जोन सुशील मानसिंह खोपड़े ने बुधवार को एसएसपी आवास पर पहुंचकर विभिन्न मुद्दों पर एसएसपी मनोज कुमार से चर्चा करते हुए रणनीति बनायी. डीआइजी भी लगातार लूट मामले को लेकर इनपुट एसएसपी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों से ले रहे हैं.
सेल आइडी ने पुलिस को पहुंचाया लुटेरों तक. पुलिस की टेक्निकल टीम ने लूट के बाद मौके पर जाकर सेल आइडी लिया था. सूत्रों के अनुसार जिस वक्त लूट की घटना को अंजाम दिया गया था, उस वक्त का सेल आइडी निकाला गया, तो करीब आधे घंटे के अंदर साढ़े आठ हजार नंबरों से काल आयी-गयी थी. इन नंबरों को फिल्टर करने के बाद पुलिस ने सीडीआर निकाला, तो लूट में शामिल एक बदमाश का नंबर मिल गया.
तीन थानाक्षेत्र के आधा दर्जन ठिकानों पर पुलिस ने की छापेमारी. एसएसपी मनोज कुमार के निर्देश पर तीनों थानेदारों व डीआइयू की संयुक्त टीम ने जहां मंगलवार काे शाम से रात में बांका जिले में लुटेरों का सुराग लगाने पहुंची थी. इस दौरान पुलिस के हाथ कुछ महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं. मंगलवार की रात में हबीबपुर, मोजाहिदपुर व बबरगंज थानाक्षेत्र के करीब आधा दर्जन संदिग्धों के ठिकाने पर छापेमारी की, लेकिन छापेमारी में क्या हासिल हुआ, इसको लेकर पुलिस विभाग के जिम्मेदार अपनी जुबां नहीं खोल रहे हैं.
जुबां नहीं खोल रहे परिजन. पीएमसीएच में इलाज करा रहा लूटकांड में घायल महिंद्रा शोरूम कर्मी पंकज कुमार के परिजन घटना के 24 घंटे बाद भी अपनी जुबां खोलने से कतरा रहे हैं. पूछने पर वह कुछ भी न जानने व किसी से किसी प्रकार की दुश्मनी न होने की बात बार-बार दुहरा रहे हैं.
अब तो पुलिस की गश्ती पर भी उठने लगे हैं सवाल. कभी मीडियाकर्मी सरेराह लूटे जा रहे हैं, तो कभी कारोबारी. यहां तक शहर के वीआइपी एरिया में भी लोग सुरक्षित नहीं रहे. लगातार बढ़ रहे अपराधों ने पुलिस की गश्ती पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है. पुलिस विभाग के जिम्मेदार लगातार दावा करते हैं कि पुलिस की गश्ती लगातार जारी है. पुलिस की गाड़ी अक्सर दिन से रातों में शहर की सड़कों से लेकर गलियाें में दिख भी रही है, लेकिन इस गश्ती का लोग आशय अब लोगों की सुरक्षा से नहीं, बल्कि दूसरे उद्देश्यों से जुड़ा बताने लगे हैं. लूट के 24 घंटे बीतने के बाद महिंद्रा शोरूम के मालिक राजेश संथालिया को भरोसा नहीं हो रहा है कि आखिर लुटेरों को कैसे भनक लगी कि उनका कर्मचारी सैंडिस कंपाउंड के समीप बैंक में एक बड़ी राशि जमा करने के लिए निकल रहा है.
भागलपुर : अब शहर का कोई भी नाला गंगा में सीधे नहीं खुलेगा. न ही गंगा में शहर की गंदगी पहुंचेगी. इसके लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के समीप वर्षों से बंद पड़े सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की जगह नया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की कवायद शुरू हो गयी है. बुधवार को केंद्र सरकार के नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) व बिहार सरकार के बुडको के अधिकारियों एवं इंजीनियर की टीम ट्रीटमेंट प्लांट कैंपस में सर्वे करने के लिए पहुंची. नया ट्रीटमेंट प्लांट पुराने प्लांट को ही अपग्रेड कर बनाने का निर्णय लिया गया. नया प्लांट छह गुणा अधिक पावरफुल होगा.
इसके साथ-साथ शहर में पांच की जगह 10 पंपिंग स्टेशन बनाये जायेंगे, जिसका काम नाले के पानी को तेज रफ्तार में ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाना होगा. अधिकारियों की टीम में एनएमसीजी के इमरान व कृष्ण कुमार और बुडको के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष कुमार श्रीवास्तव थे.
चार माह में निर्माण होगा शुरू : नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के अधिकारी इमरान ने बताया कि पहले सर्वे का काम किया जा रहा है. इसमें देखा यह जा रहा है कि प्लांट में क्या-क्या जरूरत है.
इसके लिये कितने एरिया की आवश्यकता होगी. प्लांट में घूमने के बाद तय किया गया है कि इसी प्लांट को अपग्रेड कर नया प्लांट स्थापित किया जायेगा. सर्वे के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी. इसमें चार माह का वक्त लगेगा. जिस निर्माण एजेंसी को काम सौंपा जायेगा, उसे 36 महीने में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिया जायेगा. निर्माण के बाद उसी एजेंसी के पास अगले 15 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी रहेगी.
प्लांट निर्माण को पिछले वर्ष मिली है केंद्र की मंजूरी : नमामि गंगे योजना के तहत केंद्र सरकार ने 700 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी अक्तूबर 2017 में दी थी. इस योजना के तहत भागलपुर में 268.62 करोड़ रुपये की लागत से 65 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पीपीपी मॉडल पर बनाने का फैसला लिया गया था.