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मिलेंगी कई सुविधाएं, आधारभूत संरचना का होगा विस्तार
विकास सिन्हा भागलपुर : देश में सिल्क सिटी भागलपुर में रहने वाले शहरवासियों को अब कई सुविधाएं मिलेगी. सरकार इसके लिए सर्वे करा रही है. शहरवासियों को किस तरह सुविधा दी जाये, यह अब सरकार की प्रमुखता में है. इस सर्वे को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार लिवेबिलिटी इंडेक्स बनाने की पहल की है. […]
विकास सिन्हा
भागलपुर : देश में सिल्क सिटी भागलपुर में रहने वाले शहरवासियों को अब कई सुविधाएं मिलेगी. सरकार इसके लिए सर्वे करा रही है. शहरवासियों को किस तरह सुविधा दी जाये, यह अब सरकार की प्रमुखता में है.
इस सर्वे को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार लिवेबिलिटी इंडेक्स बनाने की पहल की है. इसके तहत शहरों में रहने की सुविधाओं का सूचकांक बनाया जायेगा. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले शुक्रवार को सूचकांक जारी करने की प्रक्रिया का आगाज करते हुए बताया कि इस पहल के पहले चरण में देश के 116 शहरों को शामिल किया है. इन शहरों का पहला सूचकांक इस साल जून में जारी किया जायेगा. पुरी ने बताया कि सूचकांक में शामिल 116 शहरों में वे 100 शहर भी प्रतिभागी हैं जो स्मार्ट सिटी परियोजना के भी हिस्सा हिस्सा हैं.
सूचकांक के हिस्सा बने शहरों में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के 14, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के 12-12 शहर, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के सात-सात, गुजरात के छह और बिहार के चार शहरों को शामिल किया गया है. साथ ही दिल्ली के तीनों नगर निगम और नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद भी सूचकांक में प्रतिभागी हैं.सूचकांक में शहरों के चयन का प्राथमिक मानक 10 लाख से अधिक आबादी होना है.
सूचकांक में प्रतिभागी शहरों को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और चिकित्सा सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के अलावा ई-सुविधाओं, सार्वजनिक परिवहन एवं यातायात सहूलियतों की अबाध एवं सहज उपलब्धता को मानक बनाया गया है. साथ ही पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण के उपायों को लागू करना भी अहम मानक है. सूचकांक की प्रतिस्पर्धा में शामिल किये गये शहरों में राज्यों की राजधानी के अलावा दस लाख से अधिक आबादी वाले प्रमुख शहर हिस्सा ले रहे हैं.
इसके तहत 116 शहरों के 13.4 करोड़ लोगों को शामिल करते हुए बननेवाले सूचकांक में 79 मानकों को आधार बनाया गया है.प्रतिस्पर्धा में शामिल किये गये शहरों में बिहार से भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर, गुजरात के राजकोट और सूरत, कर्नाटक में हुबली और मंगलुरु, मध्य प्रदेश में सतना और सागर, महाराष्ट्र में नासिक और औरंगाबाद, राजस्थान में कोटा और जोधपुर, तथा उत्तर प्रदेश में रामपुर और झांसी सहित अन्य प्रमुख शहर शामिल हैं.
सर्वे में क्या
शहरों में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य व शिक्षा व सुलभ शौचालय को लेकर सर्वे कराया जायेगा. शहर की किन मुहल्लों में सड़क बनाये जायेंगे, इसके लिये सर्वे कराया जायेगा. जनसंख्या के अनुसार किस वार्ड में कितने सड़क, विद्यालय, अस्पताल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये, जिससे जीवन सुखमय बीते. इन कई विषयों पर सर्वे कराया जायेगा.
क्या होगा फायदा
सर्वे के बाद आम शहरवासियों को ज्यादा सुविधाएं मिलेगी. सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि कई आधारभूत संरचना के लिए काम किये जायेंगे.
अपील
शहरवासियों से अपील है कि अपने शहर में मूलभूत व आधारभूत संरचना के लिएआगे आएं. होने वाले सर्वे में भाग लें.
आखिर सर्वे की जरूरत क्यों : जिन शहरों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है और इन शहरों में जनसंख्या बढ़ने का क्रम बढ़ रहा हो, उन शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की पहली जिम्मेदारी है. इसके तहत शहरवासियोें को सुविधाओं के लिए सर्वे कराया जा रहा है. यह सर्वे जून 2018 में पहली प्रति प्रकाशित की जायेगी.
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