सबौर : प्रखंड क्षेत्र के रजंदीपुर में नाव हादसे हुए पांच दिन हो गये, लेकिन अब तक न तो डूबी नाव मिली है, न ही लापता तीनों किशोरों का कोई पता चल सका है. हालांकि एसडीआरएफ की टीम और गोताखोर लगातार गंगा में सर्च अभियान चला रहे हैं. शुक्रवार को महाजाल मंगाया गया है. इधर गंगा किनारे दर्जन भर से ज्यादा छोटी-बड़ी नाव लगी रहती है, जो रजंदीपुर के किसानों और ग्रामीणों की है. चूंकि गंगा के उस पार ही खेती किसानी है,
इस वजह से सुबह होते ही सैकड़ों लोग गंगा के उस पार नाव से आते-जाते रहते हैं. पूर्णिमा, छठ, बाढ़ आदि के मौके पर आधा दर्जन बड़ी और सरकारी रजिस्टर्ड नाव की व्यवस्था की जाती है, जिसका परवाना भी अंचल से दिया जाता है. लेकिन इसकी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है. हालांकि सीओ तरुण केशरी ने बताया कि रजंदीपुर घाट पर चलनेवाली कई नाव रजिस्टर्ड है. लेकिन जिस नाव से हादसा हुआ वह रजिस्टर्ड थी या नहीं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है.