25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संस्कृत में करेंगे पीएचडी पर लिखना नहीं आता

छह विषयों के शोध प्रस्ताव पर विमर्श के दौरान पकड़ाया चौंकानेवाला मामला पीजीआरसी ने विभागों को लौटाया हास्यास्पद शोध प्रस्ताव भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की पीजी रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष और सदस्य उस समय भौचक रह गये, जब पीजीआरसी की बैठक में उनकी नजर विभिन्न विषयों के शोध प्रस्ताव पर पड़ी. संस्कृत के शोध […]

छह विषयों के शोध प्रस्ताव पर विमर्श के दौरान पकड़ाया चौंकानेवाला मामला

पीजीआरसी ने विभागों को लौटाया हास्यास्पद शोध प्रस्ताव
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की पीजी रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष और सदस्य उस समय भौचक रह गये, जब पीजीआरसी की बैठक में उनकी नजर विभिन्न विषयों के शोध प्रस्ताव पर पड़ी. संस्कृत के शोध प्रस्ताव हिंदी में लिखे हुए थे. यानी छात्र पीएचडी तो संस्कृत में करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें संस्कृत में लिखना नहीं आता. सूत्र बताते हैं कि बैठक में कुछ सदस्य तो छात्र को राहत देना चाह रहे थे. लेकिन कुलपति अड़ गये. बैठक में यहां तक कहा गया कि यह शर्मनाक स्थिति है कि किसी छात्र को संस्कृत में लिखना नहीं आता है, लेकिन वे संस्कृत में पीएचडी करना चाहते हैं.
ऐसे छात्र को पीएचडी करने का कोई अधिकार नहीं है. पीजी रिसर्च कौंसिल (पीजीआरसी) की बैठक कुलपति प्रो एनके झा की अध्यक्षता में हुई. इसमें मानविकी संकाय के छह विषयों हिंदी, संस्कृत बांग्ला, उर्दू, मैथिली व दर्शनशास्त्र के शोध प्रस्ताव पर विमर्श हुआ. कुलपति ने स्वयं एक-एक शोध प्रस्ताव की बारीकी से जांच की. अंग्रेजी, वाणिज्य व विधि के शोध प्रस्ताव पर बाद में चर्चा की जायेगी. बैठक में प्रतिकुलपति प्रो रामयतन प्रसाद, डीन प्रो इरा घोषाल, ओएसडी रिसर्च डॉ आरके श्रीवास्तव, पीआरओ डॉ मनोज कुमार मौजूद थे.
उर्दू का शोध प्रस्ताव अंग्रेजी में
उर्दू का भी शोध प्रस्ताव संस्कृत की तरह ही मिला. उर्दू का शोध प्रस्ताव उर्दू में न लिखकर अंग्रेजी में लिखा हुआ मिला. ऐसे शोध प्रस्ताव को अविलंब वापस करने का निर्देश जारी कर दिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें