भागलपुर : सृजन महाघोटाले के घोटालेबाजों की तलाश के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में बना सीबीआइ का कैंप कार्यालय इन दिनों फिर सिक्रय हो गया है. सीबीआइ उन आरोपितों से लगातार पूछताछ कर रही है, जो जेल में बंद हैं और सीबीआइ की रिमांड पर हैं. अवैध रूप से खाता व पासबुक की प्रिंटिंग के आरोपित वंशीधर झा, बैंक ऑफ बड़ौदा के असिस्टेंट मैनेजर अतुल रमण, जिला परिषद के नाजिर राकेश यादव, इंडियन बैंक के अधिकारी एके पांडेय से लगातार पिछले कई दिनों से सीबीआइ पूछताछ कर रही है.
तीन आरोपित अब भी सीबीआइ के शिकंजे में हैं. इसी कड़ी में सोमवार की शाम सृजन कार्यालय में वंशीधर झा को लाया गया था और उनसे कई सवाल पूछे गये. इनमें वंशीधर झा पर आरोप है कि फर्जी तरीके से तैयार बैंक स्टेटमेंट और पासबुक प्रिटिंग करने का काम वंशीधर अपने प्रिंटिंग सेंटर में किया करता था. सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ उनसे यह जानना चाह रही है कि उनके पास मैटर कौन लाता था. प्रिंटिंग के बाद फर्जी बैंक स्टेटमेंट और पासबुक को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कौन करता था. वे किसके निर्देश पर काम करते थे. ऐसे ही सवालों के जवाब पूछे जा रहे हैं.