छह दिन में चार मौत, फिर भी नहीं सुधरी कंपनी
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गुजरता गया समय, बिगड़ती गयी व्यवस्था
छह दिन में चार मौत, फिर भी नहीं सुधरी कंपनी भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल की कार्यशैली शुरुआती दिनों से ही ठीक नहीं रही है. समय गुजरते गया और छवि बिगड़ती चली गयी. आखिरकार उन्हें टर्मिनेट करना ही पड़ा. तीन साल 11 माह के कार्यकाल में जो अव्यवस्था का आलम रहा, उससे हर कोई परेशान […]
भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल की कार्यशैली शुरुआती दिनों से ही ठीक नहीं रही है. समय गुजरते गया और छवि बिगड़ती चली गयी. आखिरकार उन्हें टर्मिनेट करना ही पड़ा. तीन साल 11 माह के कार्यकाल में जो अव्यवस्था का आलम रहा, उससे हर कोई परेशान रहा. कंपनी समय के साथ बिजली की बढ़ती मांग का सामना करने के लिए निजीकरण के लंबे समय बाद भी खुद को तैयार नहीं कर सकी.
मनमानी और लापरवाही इतनी बढ़ गयी थी कि लोगों की जान तक जाने लगी.
पिछले माह की बात करें, तो बिजली के झूलते तारों के चपेट में आने से छह दिनों में चार लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद भी फ्रेंचाइजी कंपनी की लापरवाही का सिलसिला थम नहीं रहा था. एक ही दिन दो लोगों की मौत करंट से हुई थी. हर घटना पर जमकर हंगामा हुआ था. इसके पीछे कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया. सिस्टम में सुधार के लिए कई तरह के आदेश जारी हुए, चेतावनी दी गयी. नोटिस भेजी गयी. बैंक गांरटी तक जब्त कर ली गयी, लेकिन हालत नहीं सुधरे. कंपनी की लापरवाही के चलते 21 मई 2016 से करंट से लोग मरने लगे थे.
फ्रेंचाइजी कंपनी के कार्यकलापों की मॉनीटरिंग से शुरू हो गयी थी उल्टी गिनती : बिजली की फ्रेंचाइजी समझौते की समाप्ति की प्रारंभिक नोटिस जारी होने के बाद एसबीपीडीसीएल ने फ्रेंचाइजी कंपनी की कार्यकलापों की विशेष मॉनीटरिंग से ही उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी थी. साढ़े तीन साल से ज्यादा दिनों में जो काम पूरी नहीं कर सकी थी वह अल्टीमेट के 30 दिनों में कैसे पूरी करती, इस पर सवाल उठने लगे थे. शहर को यकीन हो गया था कि एकरारनामा रद्द हो जायेगा.
अबतक जारी एग्रीमेंट रद्द करने की प्रारंभिक नोटिस
12 जुलाई 2017 : रिस्टोरेशन ऑफ लेटर ऑफ क्रेडिट
01 अगस्त 2017 : रिस्टोरेशन ऑफ लेटर ऑफ क्रेडिट को लेकर डिफॉल्ट घोषित
11 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
17 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
06 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
10 फरवरी 2017 : सिक्यूरिटी डिपोजिट और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को लेकर
06 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
ताजिया जुलूस पर गिरा था तार दो की हुई थी मौत, 20 झुलसे
गोराडीह थाना क्षेत्र के अगरपुर से एक अक्तूबर को निकला ताजिया जुलूस बिजली के तार (11 हजार वोल्ट) के चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गयी थी. 20 लोग झुलस गये थे.
गोराडीह विद्युत उपकेंद्र में स्विच बोर्ड ऑपरेटर राजेश कुमार की मौत भी करंट लगने से हुई थी. मुआवजा की मांग को लेकर यूनियन व परिजन को प्रदर्शन करना पड़ा था. इसके बाद परिजन को 70 हजार रुपये ही मिला था.
खेतिहर मजदूर की करंट से हुई थी मौत
सबौर के आर्य टोला में खेतीहर मजदूर ब्रजेश साह की मौत करंट से हो गयी. उनके घर का सर्विस वायर ताड़ के पेड़ के सहारे ले जाया गया था. वहीं 11 हजार वोल्ट का तार पेड़ से सटा था. उलझे सर्विस वायर को सीधा करने के लिए जैसे ही पेड़ को पकड़ा, वैसे ही करंट की चपेट में आ गया और मौत हो गयी.
लोड कम कर पैसे बचाती रही कंपनी : शहर को कम बिजली दे पैसे बचाने का असलियत उजागर होने के बाद भी फ्रेंचाइजी कंपनी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा था. कंपनी ने बिजली से पैसे बचाने का सिलसिला जारी था.
अगस्त 2016 में तत्कालीन कमिश्नर ने भेजा था पत्र
पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, पटना को फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल को हटाने के लिए पत्र लिखा था. उन्होंने लिखा था कि मेरा यह सुझाव होगा कि बीइडीसीपीएल के साथ एकरारनामा रद्द कर उनसे भागलपुर शहर एवं निकटवर्ती क्षेत्र अलीगंज व कहलगांव विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल का विद्युत वितरण का प्रभार वापस लिया जाये. साथ ही उनके द्वारा एकरारनामा की शर्तों का अनुपालन नहीं किये जाने के चलते उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाये.
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