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श्रवण और प्रदीप गिड़गिड़ाये, मांगते रहे जान की भीख नहीं माने अपराधी, चारों को एक साथ मार दी गोली

नवगछिया. चारों युवकों के लापता होने से लेकर हत्या तक की घटना की कहानी का पुलिस के पास एक मात्र आधार नाबालिग रोहित कुमार का बयान है. पुलिस ने इस मामले की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए रोहित के बयान को न्यायालय में कलमबद्ध करवा दिया है और पुलिस इस आधार पर आगे की […]

नवगछिया. चारों युवकों के लापता होने से लेकर हत्या तक की घटना की कहानी का पुलिस के पास एक मात्र आधार नाबालिग रोहित कुमार का बयान है. पुलिस ने इस मामले की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए रोहित के बयान को न्यायालय में कलमबद्ध करवा दिया है और पुलिस इस आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है. हालांकि पुलिस का दावा है कि रोहित इस घटना का चश्मदीद है और वह घटना में संलिप्त भी था.

रोहित ने चारों युवकों की हत्या की कहानी पूरे विस्तार से बतायी है. जिन 11-12 अपराधियों के नाम सामने आये हैं वह रोहित द्वारा बताये गये नाम हैं. पुलिस को रोहित ने बताया है कि चारों युवक अपने विश्वासी स्थानीय अपराधी प्रवृत्ति के लड़कों के साथ मुरादपुर गंगा दियारा में गंगा तट से कुछ ही दूरी पर खा पी रहे थे. खाना पीना के बाद स्थानीय लड़कों ने ही पिक्कू झा के फोन किया कि खाना पीना हो गया है, अब सभी जाने वाले हैं. अगर आप लोग मिलना चाहते हैं तो आकर मिल सकते हैं. 10 मिनट में पिक्कू झा, सिक्सर, विकास सिंह आदि कई अपराधी मौके पर पहुंचे और चारों को अपने कब्जे में ले लिया.

चारों के हाथ बांध कर उसे गंगा तट की ओर ले जाने लगे. गंगा तट पर चारों युवकों के पैर और हाथ को पीछे से बांध कर जमीन पर लुढ़का दिया. श्रवण और प्रदीप ने पिक्कू से कहा था कि हमलोगों से तुम्हारी कोई दुश्मनी नहीं है, इसलिए हमें छोड़ दो. पिक्कू ने स्पष्ट कहा कि तुम दोनों से मेरी कोई दुश्मनी नहीं थी, लेकिन तुम दोनों को पहले भी बोला था कि छोटू और सौरभ के साथ मत रहो.

तुम लोगों ने बात नहीं मानी अब मरना तो होगा. प्रदीप और श्रवण ने अपराधियों ने काफी आरजू मिन्नत की, लेकिन अपराधी चोरों को मौत के घाट उतारने का मन बना चुके थे. कहा जा रहा है कि जिस तरह इन दिनों आतंकवादी संगठन द्वारा सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दे कर वीडियो बनाते हैं ठीक उसी प्रकार चारों को एक लाइन से लुढ़का कर ताबड़तोड़ 13 चक्र गोलियां चलायी गयी. चारोे जमीन पर गिरे थे.अपराधी एक एक कर सबों को घसीट कर नदी में फेंकने लगे. इस क्रम में कहा जा रहा है कि सौरभ कुमार उर्फ कारे राय जीवित था और वह पानी में जाते ही पानी पीने लगा. तब अपराधियों ने उसके माथे पर गोली मार दी और वह जल में विलीन हो गया. चर्चा है कि अपराधियों ने इस सामूहिक हत्याकांड का एक लाइव वीडियो भी तैयार किया है, लेकिन रोहित ने अपने बयान में इस तरह की बात नहीं कही है.

15 दिनों में हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो जाप करेगी सड़क व रेल जाम

खरीक. नरकटिया और बिहपुर के गौरीपुर गांव के चारों युवकों की सामूहिक रूप से गोली मारकर हत्या करने के मामले में पीड़ित परिजनों की सुध लेने जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सांसद पप्पू यादव युवा जनाधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चक्रपाणि हिमांशु, जाट नेता नागेंद्र सिंह त्यागी रविवार को खरीक के नरकटिया और लतीपुर पहुंच प्रत्येक पीड़ित परिवार को ₹25,000 देकर उनके दुख की घड़ी में सांत्वना दिया. इस अवसर पर जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश और प्रदेश को अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं के चंगुल से मुक्त कराना जरूरी है. हम पुलिस को 15 दिनों का समय देते हैं. 15 दिनों के अंदर पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं करेगी, तो जन अधिकार पार्टी सड़क और रेल जाम करेगी. पुलिस एक सप्ताह में युवकों के शव को बरामद करे . पीड़ित परिवार की मदद के लिए प्रत्येक परिवार को 25,000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में डाल दी जायेगी. लोकतंत्र को बचाने के लिए मुझे और मेरी पार्टी को जो भी करना होगा हम उसके लिए तैयार हैं. नरकटिया और गौरीपुर के चार परिवारों के चिराग की हत्या कर दी गयी. इतनी बड़ी घटना हुई और राज्य सरकार चुप्पी साधे है. विधि व्यवस्था तार-तार हो गयी है. जान माल पर खतरा है. वह सरकार, जो लोगों को सुरक्षा नहीं मुहैया करा सकी, उसे सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है. नीतीश सरकार को अपने पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए. निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं. मैंने कहा मुझे 72 घंटे का समय चाहिए पूरे प्रदेश से अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से लोकतंत्र को सदा के लिए हटा देंगे. मौके पर युवा जनाधिकार पार्टी के डॉक्टर चक्रपाणि हिमांशु ,जाट नेता नागेंद्र सिंह त्यागी,अजीत कुमार, सूरज कुमार,राकेश, बिट्टू सिन्हा समेत स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.

टारगेट सिर्फ छोटू था, पहले फंसा सौरभ फिर श्रवण और प्रदीप
नवगछिया. बात सामने आ रही है कि पूरी लड़ाई पिक्कू झा बनाम छोटू उर्फ राघव कुमार की थी. गांव में चर्चा थी कि दोनों एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गये थे. यह बात सामने आ रही है कि छोटू भी कई जगहों पर बोल चुका था कि वह पिक्कू को जीने नहीं देगा. पिक्कू को भी इस बात का भय था कि छोटू उसकी कभी भी हत्या कर सकता था. पिक्कू ने सुनियोजित ढ़ग से कई मोहरे का इस्तेमाल कर छोटू को अंतत: अपने जाल में फांस लिया. इस घटना में स्पष्ट है कि नरकटिया के दोनों युवक प्रदीप और श्रवण नाहक फंस गये, लेकिन छोटू के अलावा सौरभ की भी किसी प्रकार की गंभीर दुश्मनी पिक्कू झा या अन्य अपराधियों से नहीं थी. गौरीपुर की टीम जब नया गांव की टीम से वॉलीबॉल मैच जीत गयी थी, तो उस समय सौरभ को धमकी जरूर मिली थी. इसके बाद दोनों पक्षों में देख लेने तक ही बात समाप्त हो गयी थी. सौरभ काफी मजबूत और ताकतवर था और वह छोटू के साथ रहता था, इसलिए छोटू के दुश्मनों के एक सौरभ भी किरकिरी था. चार नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर गौरीपुर मंदिर में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित हुई. पांच और छह नवंबर को नाटक का आयोजन किया गया. गांव के युवकों ने सात नवंबर को एक जुट हो कर आरकेस्ट्रा का आयोजन कराया था. आरकेस्ट्रा में नया गांव मुरादपुर आदि गांवों के कई अपराधी जुटे थे. आरकेस्ट्रा के दौड़ान ही छोटू और पिक्कू के बीच कोड़े चलने की घटना हुई थी. इसके बाद से दोनों एक दूसरे के जाम के दुश्मन बन गये.

पिक्कू ने सिक्सर और रोहित के माध्यम से सौरभ को बनाया मोहरा
पिक्कू जानता था, सौरभ उसकी जाल में आसानी से फंसने वाला नहीं है. पिक्कू ने इसके लिए अपने खगड़िया के नया गांव के भांजे सिक्सर को तैयार किया. सिक्सर ने रोहित को सौरभ से संपर्क करने को कहा. रोहित और छोटू के बीच बनती थी, इसलिए रोहित ने सौरभ से संपर्क साधा. वॉलीबॉल का दीवाना सौरभ वॉलीबॉल के लिए कहीं भी जाने के लिए कभी भी तैयार रहता था. जब रोहित का आमंत्रण आया तो सौरभ ने अपने लंगोटिया यार छोटे को नया गांव जाने के लिए तैयार कर लिया और इसके बाद छोटू ने अपने मित्र श्रवण और प्रदीप झा को बाइक से जाने के लिए तैयार कर लिया. इसके बाद जगजाहिर है कि छोटू समेत तीनों पिक्कू झा के षड्यंत्र में फंस गये.

नया गांव पहुंचते ही रोहित ने की थी अगवानी
नया गांव पहुंचते ही ठुट्ठी सिराजपुर के रोहित ने चारों की अगुवानी की थी और सिक्सर को चारों को सुर्पुद कर दिया. इसके बाद खास कर छोटू ने कुछ खाने पीने की इच्छा जाहिर की, तो रोहित ने कहा कि यह गांव है यहां कुछ भी करना ठीक नहीं. हमलोग लगमा गांव के बगीचे में चलेंगे और वहां खाना व पीना भी होगा. खाना पीना के बाद चारों के साथ रोहित और सिक्सर था. इस बीच जब चारों ने वॉलीबॉल मैच में जाने की इच्छा जाहिर की तो रोहित ने कहा कि मैच रद्द हो गया है. इसके बाद सभी घर जाने को तैयार हुए तो सिक्सर ने अपने मामा पिक्कू को सूचना दी और मौके पर पिक्कू के साथ पहुंचे अपराधियों ने चारों को मौत के घाट उतार दिया.

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