हाल जिले भर के स्कूलों का : गुरु ही नहीं शिष्य भी फर्जी
Advertisement
नामांकन का फर्जीवाड़ा 94702 शिष्य हुए गुम
हाल जिले भर के स्कूलों का : गुरु ही नहीं शिष्य भी फर्जी भागलपुर : सरकारी विद्यालयों में गुरु ही नहीं हजारों की तादाद में फर्जी शिष्य भी तैयार हो चुके हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विद्यालयों में फर्जी नामांकन किया जा रहा है. अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन ने सरकारी योजनाओं के दोहन […]
भागलपुर : सरकारी विद्यालयों में गुरु ही नहीं हजारों की तादाद में फर्जी शिष्य भी तैयार हो चुके हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विद्यालयों में फर्जी नामांकन किया जा रहा है. अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन ने सरकारी योजनाओं के दोहन के लिए स्कूलों में चल रहे इस फर्जीवाड़ा को बेनकाब कर दिया है. दरअसल जिले के 1850 विद्यालयों में 512300 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, जबकि अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन में 417598 विद्यार्थी ही शामिल हुए. 94702 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए. यह बच्चे स्कूलों से कैसे गायब हुए
नामांकन का फर्जीवाड़ा…
और कहां गये? शिक्षा विभाग के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है. विभाग ऐसे बच्चों को ढूंढ लेने का दावा कर रहा है.
आठवीं के सर्वाधिक 23304 बच्चे गुम:
विद्यालयों से आठवीं कक्षा के बच्चे सबसे अधिक गुम हुए हैं. आठवीं के 23304 बच्चों ने परीक्षा नहीं दी. आठवीं में 69478 बच्चे नामांकित हैं, जबकि 46174 बच्चों ने ही परीक्षा दी. आठवीं कक्षा के बच्चों को सरकारी योजनाओं का सबसे अधिक लाभ मिलता है. हालांकि अब आधार कार्ड बनाने से लेकर बच्चों के बैंक अकाउंट भी खोले जा रहे हैं. सीधे बच्चों के एकाउंट में ही सरकारी योजनाओं की राशि भेजी जाने वाली है.
कक्षा नामांकित बच्चों की संख्या मूल्यांकन में शामिल बच्चे
एक 52224 43123
दो 62310 51493
तीन 72183 59899
चार 70465 59246
पांच 71759 60429
छह 57911 49031
सात 55970 48203
आठ 69478 46174
हो रही समीक्षा : डीपीओ
डीपीओ एसएसए मधुसूदन पासवान ने कहा कि नामांकन के बावजूद हजारों बच्चों ने परीक्षा क्यों नहीं दी. इसकी समीक्षा की जा रही है. शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि घर-घर जाकर इन बच्चों को स्कूल वापस लाएं. कोई गड़बड़ी हुई है, तो संबंधित विद्यालय के शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जायेगी.
बीइओ से करेंगे पूछताछ : डीइओ
डीइओ फूल बाबू चौधरी ने कहा कि यह चिंता का विषय है. नामांकित बच्चों को परीक्षा में शामिल होना चाहिए. बीमारी या कामकाज के कारण कुछ बच्चे परीक्षा छोड़ सकते हैं, लेकिन यह तादाद हजारों में नहीं होनी चाहिए. इस संबंध में संबंधित ब्लॉक के बीइओ से पूछताछ की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement