भागलपुर : मानिक सरकार लेन स्थित शरतचंद्र के ननिहाल गांगुलीबाड़ी, काली बाड़ी एवं मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी में अक्षय नवमी पर रविवार को मां जगधात्री की पूजा-अर्चना होगी. तीनों स्थानों पर प्रात: ही माता जगधात्री की प्रतिमा विधि-विधान से स्थापित कर ली जायेगी. पूजा-अर्चना के दौरान आंगन में ईख, केला व कोहड़ा की बलि चढ़ायी जायेगी. एक दिन में ही सप्तमी, अष्टमी व नवमी पूजा अलग-अलग समय में बांग्ला विधि-विधान से होगी. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
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अक्षय नवमी पर जगधात्री व अांवला वृक्ष की पूजा आज
भागलपुर : मानिक सरकार लेन स्थित शरतचंद्र के ननिहाल गांगुलीबाड़ी, काली बाड़ी एवं मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी में अक्षय नवमी पर रविवार को मां जगधात्री की पूजा-अर्चना होगी. तीनों स्थानों पर प्रात: ही माता जगधात्री की प्रतिमा विधि-विधान से स्थापित कर ली जायेगी. पूजा-अर्चना के दौरान आंगन में ईख, केला व कोहड़ा की बलि चढ़ायी जायेगी. […]
इधर जिले के विभिन्न स्थानों पर अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना की जायेगी. महंत विजयानंद शास्त्री ने बताया कि कुपेश्वरनाथ मंदिर में रात्रि में भंडारा होगा. आदमपुर स्थित शिव शक्ति मंदिर में खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया जायेगा.
गांगुलीबाड़ी में हो रही 200 वर्षों से पूजा
मानिक सरकार स्थित कथाशिल्पी शरतचंद चट्टोपाध्याय के ननिहाल गांगुलीबाड़ी एवं काली बाड़ी में बांग्ला विधि से पूजा होगी. सामाजिक कार्यकर्ता तरुण घोष ने बताया कि पूजा-अर्चना के दौरान आंगन में ईख, केला व कोहड़ा की बलि चढ़ायी जायेगी. एक दिन में ही सप्तमी, अष्टमी व नवमी पूजा अलग-अलग समय में बांग्ला विधि-विधान से होगी. अशोक सरकार ने बताया कि सोमवार को दोनों स्थानों की प्रतिमा की विसर्जन शोभायात्रा निकाली जायेगी और प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.
बगीचा उजड़ा, आंवला का पेड़ भी
शहर के गण्यमान्य मुकुटधारी अग्रवाल ने बताया कि बचपन में आंवला नवमी पर आंवला के पेड़ की पूजा होती है. पहले गांव ही नहीं, शहर के मोहल्ले में भी छोटे-बड़े बगीचे हुआ करता थे. इसमें आंवला का पेड़ जरूर होता था. कोलकाता के सूरजमल-नागरमल बाजोरिया के सुंदर वन बगीचा में आंवला के कई पेड़ थे. यहां पर आंवला नवमी पर लोगों की भीड़ लगती थी. पिकनिक सा माहौल हो जाता था. धीरे-धीरे बगीचा उजड़ता गया और आंवला का पेड़ भी खत्म हो गया. अब मंदिर में आंवला का पेड़ नाममात्र पूजा के लिए देखे जाते हैं. आंवला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसमें विटामिन व आयरन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. प्रतापगढ़ व बनारस का आंवला दूर-दूर तक मशहूर है. आंवला के उत्पादन को बढ़ावा मिले, तो आंवला पाउडर, आंवला जूस व आंवला का मुरब्बा तैयार व्यावसायिक क्षेत्र बढ़ा सकते हैं. आंवला पर्यावरण की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.
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