27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्धारित समय पर नहीं बन पायेगा बाइपास

परेशानी. पांच नवंबर तक होना था निर्माण कार्य पूरा देश की बड़ी कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को निर्देश है कि चार नवंबर 2017 तक बाइपास बनाना है. इससे आमलोग इस बात को लेकर खुश थे. लेकिन चार नवंबर तक बाइपास का निर्माण पूरा होना मुश्किल है. बाइपास का अभी भी 35-40 फीसदी काम […]

परेशानी. पांच नवंबर तक होना था निर्माण कार्य पूरा

देश की बड़ी कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को निर्देश है कि चार नवंबर 2017 तक बाइपास बनाना है. इससे आमलोग इस बात को लेकर खुश थे. लेकिन चार नवंबर तक बाइपास का निर्माण पूरा होना मुश्किल है. बाइपास का अभी भी 35-40 फीसदी काम होना बाकी है.
भागलपुर : तय समय पर अपनी सभी परियोजनाओं को पूरा करने वाली राजस्थान की बड़ी कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट भागलपुर में आकर पिछड़ गयी. देश भर में सड़कों, राजमार्गों, पुलों और हवाई अड्डे के रनवे के निर्माण का अनुभव प्राप्त यह एजेंसी स्थायी बाइपास का निर्माण तय समय पर नहीं करा सकी. स्थायी बाइपास का निर्माण पूरा कराने की आखिरी तिथि चार नवंबर है, जो महज 10 दिन ही शेष बचे हैं. मगर, अभी तक 35-40 फीसदी तक काम होना बाकी है.
रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज सहित कई कम नहीं हुए हैं. बाइपास निर्माण कार्य का दो साल पूरा होने को है और अब नाथनगर के पुरानी सराय में रेलवे फ्लाइ ओवर ब्रिज का काम शुरू कराया है. साल 2015 के पांच नवंबर को लगभग 230.70 करोड़ की लागत से स्थायी बाइपास का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इससे शहरवासियों को एक उम्मीद बनी थी कि बाइपास बनने से शहर में अव्यवस्थित ट्रैफिक से राहत मिलेगी.
155 मीटर में जमीन अधिग्रहण नहीं: भागलपुर-हंसडीहा स्टेट हाइवे से ठीक सटे सेंट टेरेसा के पास 155 मीटर में जमीन अधिग्रहण नहीं हो सका है. यह विभागीय पेच में फंसा है. अगर 155 मीटर में जमीन अधिग्रहण नहीं हो सका है, तो कम से कम इतनी जगह को छोड़ कर भी तो सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराया जा सकता था.
चेंज ऑफ स्कोप को नहीं मिली मंजूरी, खुटाहा-गोपालपुर के पास आरओबी का काम अटका
चेंज ऑफ स्कोप को मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है. इसके चलते खुटाहा और गोपालपुर के पास रेलवे ओवरब्रिज का काम अटका हुआ है. एजेंसी की मानें तो दोनों रेलवे ओवरब्रिज के पास चेंज ऑफ स्कोप के तहत व्हेकील अंडरपास बनना है. इसके अलावा भी 10 ऐसे कार्य है, जो चेंज ऑफ स्पोक में स्वीकृत करा किया जाना है. चेंज ऑफ स्कोप में लगभग साढ़े चार किमी में सड़क भी नहीं बन सकी है. जब तक स्वीकृति नहीं मिलती है, तब तक चेेंज ऑफ स्कोप के कार्यों को पूरा करना नामुमकिन है.
इस्टर्न रेलवे ने नहीं दिया ब्लॉक, आरओबी पर गार्ड चढ़ाने का काम ठप
जीरोमाइल से लेकर दोगच्छी के बीच लगभग16.43 लंबे बाइपास के अलाइनमेंट पर जहां कहीं भी आरओबी बने हैं, उस पर गार्डर चढ़ाने के लिए इस्टर्न रेलवे, कोलकाता से मंजूरी नहीं मिली. बल्कि, कार्य एजेंसी के मांग पत्र को रेल मंत्रालय भेज दिया है. रेल मंत्रालय से जब तक मंजूरी नहीं मिलती है, तबतक गार्ड चढ़ाने का काम बंद रहेगा.
जमीन अधिग्रहण नहीं होने से सड़क अधूरी
बाइपास निर्माण के दौरान अलीगंज के पास 155 मीटर की सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला अटका हुआ है. इसे लेकर एनएच की ओर से जिलाधिकारी और मुख्य अभियंता को भी पत्र लिखा गया है, मगर अब तक जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा हुआ है. बाइपास निर्माण के दौरान यह सबसे बड़ी बाधा है. हालांकि, जमीन अधिग्रहण के लिए नये सिरे से प्रस्ताव बना कर भू-अर्जन विभाग को दिया गया है और पटना से स्वीकृति मिल गयी है मगर, कार्रवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें