जेल में उनके पदाधिकारी बंद क्यों है? बहरहाल इतने दिनों तक की जांच में किसी तरह का परिणाम सामने नहीं आया है. यहां तक कि उनके जेल में बंद अधिकारी घोटाले में संलिप्त है या नहीं, वह भी जांच में खुलासा नहीं कर सका है.. इंडियन बैंक की चल रही जांच से संबंधित मामले की जानकारी के लिए चीफ मैनेजर दिनेश कुमार महतो से बात करने की कोशिश की गयी, मगर उनकी ओर से फोन रिसीव नहीं किया गया.
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जांच पूरी नहीं और खुद को बेदाग बता रहे बैंक
भागलपुर: करोड़ों के सृजन घोटाले से जुड़े आरोपित बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में दो माह से इंटरनल जांच चल रही है. जांच अभी तक पूरी भी नहीं हुई है और वे खुद को बेदाग बता रहे हैं. अगर वास्तव में बेदाग हैं, तो इसको साबित करने के लिए उन्हें पसीने क्यों बहाने पड़ […]
भागलपुर: करोड़ों के सृजन घोटाले से जुड़े आरोपित बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में दो माह से इंटरनल जांच चल रही है. जांच अभी तक पूरी भी नहीं हुई है और वे खुद को बेदाग बता रहे हैं. अगर वास्तव में बेदाग हैं, तो इसको साबित करने के लिए उन्हें पसीने क्यों बहाने पड़ रहे हैं या फिर जांच किस बात की.
बैंक बेदाग है : रीजनल मैनेजर. बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल मैनेजर अतुल खरे का कहना है कि इंटरनल जांच चल रही है. सीबीआइ की जांच में कई पदाधिकारी हैं. बैंक की जांच में दो पदाधिकारी है. जब उनकी ओर से अभी जांच पूरी नहीं हुई है, तो बैंक की जांच कैसे पूरी हो सकती है. बैंक की जांच पूरी होगी और इसकी रिपोर्ट से जिला प्रशासन को भी सहयोग मिलेगा. मगर, बैंक बेदाग है. जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के आदेश से सृजन के खाते में राशि ट्रांसफर हुई है और यह बैंक के नार्म्स में आता है. सीबीआइ की जांच से ही स्पष्ट होगा कि दोषी कौन है.
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