सुलतानगंज: प्रखंड के अबजूगंज पंचायत के नवादा गांव में तीन बच्चे के साथ एक परिवार को गांव से बाहर निकालने के मामले को ग्राम कचहरी ने शनिवार को गंभीरता से लिया. परिवार को गांव से निकालने के लिए ग्रामीणों ने 13 अक्तूबर को सरपंच मीरा देवी को आवेदन दिया था. ग्रामीणों आवेदन पर निर्णय होने के पूर्व ही ग्रामीणों ने परिवार को जबरन गांव से निकाल दिया.
प्रभात खबर में प्रमुखता से इस खबर के छपने के बाद ग्राम कचहरी ने ग्रामीणों के आवेदन को तत्काल खारिज कर दिया. ग्राम कचहरी ने निर्णय सुनाया कि पीड़ित परिवार को हर हाल में गांव में रहने का अधिकार है.
उन्हें किसी भी स्थिति में गांव से बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. ग्राम कचहरी ने परिवार को खोज कर गांव लाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. ग्रामीण का कहना है कि महिला का चाल-चलन ठीक नहीं था, इसलिए ऐसा निर्णय लेना पड़ा. ग्रामीणों को जब जानकारी मिली कि ग्राम कचहरी ने परिवार को गांव में ही रहने का निर्णय दिया है, तो ग्रामीण अब कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. मुखिया मनोरमा देवी ने बताया कि पीड़ित परिवार के साथ अन्याय हुआ है.
बीडीओ प्रभात रंजन ने बताया कि ग्रामीणों को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं. ग्रामीणों ने परिवार को परेशान किया है. शनिवार को बीडीओ ने पूरे घटना की विस्तार से जानकारी ली.