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घंटाघर से पहुंच गये बरारी, शिक्षा भवन निर्माण की नहीं आयी बारी

भागलपुर: तीन वर्षों में घंटाघर से पहुंच गये बरारी, लेकिन शिक्षा भवन के निर्माण की अब तक नहीं आयी बारी. शिक्षा विभाग का एक आंगन हो, इसके लिए शिक्षा भवन बनाने की 2015 में ही योजना बनायी गयी. 2017 में करीब तीन करोड़ फंड भी जारी हो गया. निर्माण कार्य के लिए टेंडर भी हो […]

भागलपुर: तीन वर्षों में घंटाघर से पहुंच गये बरारी, लेकिन शिक्षा भवन के निर्माण की अब तक नहीं आयी बारी. शिक्षा विभाग का एक आंगन हो, इसके लिए शिक्षा भवन बनाने की 2015 में ही योजना बनायी गयी. 2017 में करीब तीन करोड़ फंड भी जारी हो गया. निर्माण कार्य के लिए टेंडर भी हो गये. अफसोस कि जमीन की अड़चन के कारण तीन साल पुरानी योजना फाइलों में दफन होकर रह गयी है.

सबसे पहले घंटाघर चौक स्थित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में शिक्षा भवन बनाने की कवायद शुरू हुई. लेकिन जमीन के लिए एनओसी नहीं मिली. जिला स्कूल और टीएनबी कॉलेजियेट में नींव रखने से पहले ही विरोध शुरू हो गया. जगलाल उच्च विद्यालय में किलकारी और परीक्षा भवन के निर्माण के कारण जमीन की तंगी आ गयी. अब बरारी स्थित राय हरिमोहन ठाकुर बहादुर उच्च विद्यालय के उपेक्षित पड़े खेल मैदान में शिक्षा भवन बनाने की तैयारी है.

किराये के दफ्तर में एमडीएम कार्यालय
शिक्षा भवन का परिवार बिखरा हुआ है. डीइओ कार्यालय एसडीओ ऑफिस के पास है, तो डीपीओ एसएसए कार्यालय खिरनी घाट में. मध्याह्न भोजन के डीपीओ का कार्यालय तिलकामांझी हटिया रोड में किराये के भवन में चल रहा है, तो आरडीडीइ कार्यालय लाजपत पार्क के सामने. अलग-अलग स्थानों पर दफ्तर होने से अधिकारियों के अलावा कर्मचारियों को भी दिक्कत हो रही है.
स्मार्ट स्कूल का सपना भी अधूरा: जिला प्रशासन ने राजकीय इंटर बालिका उच्च विद्यालय, एसएस बालिका उच्च विद्यालय नाथनगर एवं मोक्षदा इंटर बालिका विद्यालय को स्मार्ट बनाने का सपना दिखाया था. कई बार अधिकारियों ने स्कूल का विजिट भी किया. स्मार्ट क्लास से लेकर मैदान को स्मार्ट बनाने का एलान किया गया, लेकिन नतीजा शून्य रहा.
बीएसइबी का स्थायी क्षेत्रीय कार्यालय नहीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का क्षेत्रीय कार्यालय तो खोला गया, लेकिन अभी तक स्थायी भवन नहीं मिल पाया है. राजकीय बालिका विद्यालय में बीएसइबी का क्षेत्रीय कार्यालय जैसे-तैसे चल रहा है.
झोपड़ी में गूंज रही किलकारी
जगलाल उवि में किलकारी भी अभी तक झोपड़ी में ही चल रही है. हालांकि जमीन को लेकर चल रही खींचतान अब खत्म हो गयी है. जगलाल उवि में किलकारी के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गयी है. जल्द ही निर्माण शुरू होने की उम्मीद है.
2019 में मिलेगा परीक्षा भवन
परीक्षा भवन का तोहफा 2019 तक मिलने की संभावना है. जगलाल उवि की जमीन पर 12 करोड़ की लागत से परीक्षा भवन का निर्माण कार्य नींव तक पहुंच चुका है. पांच मंजिला भवन बनने से शिक्षा विभाग को काफी लाभ मिलेगा.

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